डानी समूह में गिरावट को देखते हुए RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने स्थानीय बैंकों से अडानी समूह की कंपनियों, सरकार और बैंकिंग स्रोतों में उनके जोखिम का विवरण मांगा है।
रिजर्व बैंक ने सभी बैकों से पूछा है कि उन्होंने अडानी समूह को किस क्षेत्र में और कितना लोन दिया है और अभी उसके कितने कर्ज की वापसी हो गई है।
अडानी ग्रुप के एफपीओ वापस लेने के निर्णय का असर शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। आज सुबह मार्केट की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई है। यहां समझिए, कंपनी ने ये निर्णय क्यों लिया है? एक्सपर्ट क्या कहते हैं? इसके पीछे का आंकड़ा क्या है?
मेरे लिये ये ज़रूरी है कि मैं ये कबूल करूं कि मैंने ज़िंदगी में जो भी छोटी उपलब्धि हासिल की है, वो निवेशकों के भरोसे की वजह से है। मेरी सारी कामयाबी उनकी कामयाबी है।
एलआईसी ने ट्वीट किया, ‘‘अडाणी समूह की कंपनियों में इक्विटी और बॉन्ड के तहत आज तक हमारा कुल निवेश 36,474.78 करोड़ रुपये है। यह 31 दिसंबर, 2022 तक 35,917.31 करोड़ रुपये था।
एलआईसी के पास अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में नौ प्रतिशत, अडाणी ट्रांसमिशन में 3.7 प्रतिशत, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 1.3 प्रतिशत और अडाणी टोटल गैस लिमिटेड में छह प्रतिशत शेयर हैं।
अडानी ग्रुप ने कहा कि ये दस्तावेज ‘चुनिंदा गलत सूचनाओं एवं छुपाकर रखे गए तथ्यों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन हैं।’ समूह ने कहा कि ये ‘‘निराधार और शर्मनाक आरोप किसी गुप्त मकसद’’ से लगाए गए हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडाणी समूह पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। यह रिपोर्ट आने के बाद विविध कारोबार से जुड़े अडाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है।
बीते दो कारोबारी सत्रों में अडानी समूह का मार्केट कैप 4.18 ट्रिलियन रुपये घट गया है। अमेरिका स्थित निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि समूह एक स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी योजना में शामिल था।
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए 88 सवाल पूछे हैं। इस रिपोर्ट के चलते अडानी के शेयरों में हाहाकार मचा है, कंपनी के शेयर 20 प्रतिशत तक टूट चुके हैं, अभी गिरावट जारी है।
अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग के अनुसार उसके दो साल के शोध के बाद यह पता चला कि अडाणी समूह दशकों से ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है।
वुमेंस प्रीमियर लीग की बोली जीतने वाली पांच फ्रेंचाइजीज सामने आ चुकी हैं। हर फ्रेंचाइजी के मालिकों के बारे में भी पता चल चुका है और किस टीम पर कितने पैसे खर्च किए गए इसकी खबर भी आ चुकी है। अब इन टीमों के नामकरण का सिलसिला शुरू हो गया और इस कड़ी में अहमदाबाद फ्रेंचाइजी का नाम सामने आया है।
FPO Adani Group offer: अडाणी एंटरप्राइजेस ने कहा है कि FPO बहुत ही सही समय पर लाया जा रहा है। यह ग्रुप के 10 वर्षीय कैपिटल प्लानिंग का हिस्सा है। आइए जानते हैं यह क्या है?
यह FPO बहुत ही सही समय पर आया है और हमारी 10 वर्षीय कैपिटल प्लानिंग का हिस्सा है जो कंपनी के Fully Funded और De-Risked Growth Plan के अनुरूप है।
गौतम अडाणी ने बड़ी तेजी से बंदरगाह और कोयला खनन पर केंद्रित अपने साम्राज्य का विस्तार किया और आज वह हवाई अड्डा, डाटा केंद्र और सीमेंट के साथ-साथ हरित ऊर्जा क्षेत्र में भी उतर चुके हैं।
अडानी की संपत्ति में गिरावट देखी गई है। उन्होंने सिर्फ 10 दिन में 91.2 करोड़ डॉलर गंवा दिए हैं। इसके चलते टॉप-3 की लिस्ट से भी बाहर होना पड़ा है।
अडानी ग्रुप के अंदर कुल 7 लिस्टेड शेयर हैं जो अडानी नाम से जुड़े हैं। वैसे तो इस ग्रुप ने कई कंपनियों में निवेश कर रखा है, जो आज तरक्की की नई मिसाल लिख रही है, लेकिन हम आज आपको इस ग्रुप के 5 ऐसे शेयर के बारे में बताएंगे जिसने निवेशकों को पिछले दो साल में मालामाल कर दिया है।
अडानी ग्रुप भारत के विकास के लिए कई तरह की परियोजनाओं में निवेश कर रहा है। इसका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा। लोगों को रोजगार मिलेगा। समूह ने 5,700 करोड़ के प्रोजेक्ट के अप्रुवल के लिए आवेदन भी दिया है।
भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी 2030 से पहले बन जाएगा। इस बात की जानकारी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी ने दी है। वह मुंबई में आयोजित World Congress of Accountants में शामिल हुए थे।
Adani Group: एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी का अडाणी ग्रुप हरित ऊर्जा, डेटा केंद्र, हवाई अड्डे से लेकर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में 150 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेगा।
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