सन पेट्रोकेमिकल्स, पंप हाइड्रो तथा सोलर प्लांट सहित अक्षय ऊर्जा में 36,700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। अदाणी समूह अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की स्थापना में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है।
अडानी समूह ने 259 हेक्टेयर धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाई थी। 2022 की निविदा प्रक्रिया में 5,069 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ उसने इसे हासिल किया था।
अदाणी ग्रुप राज्य में रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विकास में 1,000 करोड़ रुपये तक का निवेश करने की भी योजना बना रहा है, जिसमें गति शक्ति रेलवे टर्मिनल, इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) और औद्योगिक वेयरहाउसिंग पार्क शामिल हैं।
बिहार में अलग-अलग निवेशकों ने कुल 1.8 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। यह निवेश थर्मल पावर प्लांट, सीमेंट उद्योग और स्मार्ट मीटर उत्पादन में होगा।
Hum Karke Dikhate Hain : अडानी ग्रुप की रिन्यूएबल कंपनी अडानी ग्रीन ने साल 2030 तक 50 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी डेवलप करने का टार्गेट रखा है।
अदाणी पोर्ट्स की कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अमेरिकी एजेंसी ने हाल ही में कहा था कि वह अदाणी समूह के अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों के प्रभावों का सक्रिय रूप से आकलन कर रही है। इसने अदाणी समूह को अभी तक कोई वित्तीय मदद मुहैया नहीं कराई है।
क्या डीप स्टेट मोदी को हटाना चाहता है? भारत के खिलाफ डीप स्टेट कैसे काम करता है? क्या डीप स्टेट के लिंक भारत के विपक्षी नेताओं से हैं? क्या सोरोस का सोनिया गांधी से कोई लिंक है? क्या सोरोस से राहुल गांधी की दोस्ती है?
उनकी निष्ठा संविधान और संवैधानिक परंपराओं की जगह सत्ताधारी दल के लिए है वो अपनी अगली प्रमोशन के लिए सरकार के प्रवक्ता बनकर काम कर रहे हैं..ऐसा हमें दिख रहा है सदन अगर बाधित होता है तो उसका सबसे बड़ा कारण हमारे चेयरमैन साहब हैं...
अमेरिकी आईडीएफ ने पिछले वर्ष नवंबर में श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (सीडब्ल्यूआईटी) नामक गहरे पानी के कंटेनर टर्मिनल के विकास, निर्माण व संचालन के लिए 55.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण देने पर सहमति व्यक्त की थी।
#RajasthanGlobalInvestmentSummit2024 के दौरान करण अदानी ने आगे कहा कि ऊर्जा के अलावा, राजस्थान भारत की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बनने की हमारी महत्वाकांक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हम राज्य में प्रति वर्ष 6 मिलियन टन की अतिरिक्त क्षमता बनाने के लिए 4 नए सीमेंट संयंत्र स्थापित करेंगे।
ब्रोकरेज ने कहा कि फरवरी-मार्च 2024 से गुजरात में करीब 1.8 गीगावाट की सोलर प्रोजेक्ट शुरू हो रही हैं, जिनका शुल्क 25 साल के बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) के तहत 2.42 रुपये प्रति यूनिट है।
यह म्यूचुअल फंड स्कीम लॉर्ज, मिड और स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करेगा। इसलिए यह फंड 3-5 साल और उससे ज्यादा अवधि तक निवेश करने वाले लंबी अवधि के इक्विटी निवेशकों के लिए उपयुक्त है।
भारत में कुछ विदेशी ताकतें "डीप स्टेट" की साजिश रच रही हैं। कभी आंदोलनों के बहाने, कभी सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ कर, कभी भारत के आर्थिक तंत्र व मेडिकल तंत्र पर हमला करके तो कभी सैन्य व्यवस्थाओं पर हमला करके वह देश की सरकार को अस्थिर करने में जुटी हैं। जानें विशेषज्ञों की राय।
दृष्टि 10 ड्रोन एक प्रकार का मानव रहित हवाई वाहन है जो 10,000 से 30,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इसकी उड़ान क्षमता 24 से 48 घंटे तक हो सकती है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद समूह का कुल ऋण भी घट गया है, जो मार्च 2023 में 2.41 लाख करोड़ रुपये से घटकर सितंबर 2023 में 2.38 लाख करोड़ रुपये रह गया है। हालांकि बर्नस्टीन की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके बाद से कर्ज थोड़ा बढ़ा है, लेकिन इस दौरान इसका मुनाफा और भी बढ़ गया है।
अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर, पिछले हफ्ते शुक्रवार को 1324.55 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। कंपनी के शेयरों ने आज जबरदस्त तेजी के साथ 1364.00 रुपये के भाव पर कारोबार शुरू किया। खबर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 1445.00 रुपये के इंट्राडे हाई से लेकर 1301 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंच चुके थे।
गौतम अदानी ने कहा, पिछले साल जनवरी में, जब हम अपना फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग लॉन्च करने की तैयारी कर रहे थे, तभी हमें विदेश से शॉर्ट-सेलिंग का सामना करना पड़ा। यह कोई आम वित्तीय हमला नहीं था; यह एक दोहरा झटका था।
अडानी ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जुगेशिंदर सिंह ने कहा कि ठेके हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात सरासर गलत है। इसके साथ ही सिंह ने कहा कि अगर किसी बड़ी राशि का भुगतान किया जाता, तो उन्हें निश्चित रूप से उसकी जानकारी होती।
वर्तमान में, समूह के पास 30 महीने के कर्ज दायित्वों को चुकाने की पर्याप्त क्षमता है। उन्होंने कहा कि अगले 12 महीनों में लगभग तीन अरब डॉलर का कर्ज चुकाया जाना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ''ये एक कानूनी मामला है जिसमें निजी कंपनी, व्यक्ति और अमेरिकी कोर्ट शामिल हैं। ऐसे मामले में कुछ प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते हैं और हमें भरोसा है कि उनका पालन किया जाएगा। भारत सरकार को इस मामले में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी।''
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