सस्ती शिक्षा उपलब्ध कराने की मांग और जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला बंद करने के खिलाफ दिल्ली के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
इंदौर में हुई एबीवीपी की इस वर्चुअल बैठक में कई सम सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। कोरोना महामारी के कारण छात्र-जीवन में बदलाव, कोरोना से लड़ने में संगठन का योगदान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं अंतिम वर्ष के छात्रों और नीट-जेईई आदि प्रतियोगी परीक्षाओं पर चर्चा हुई। बैठक में कोरोना काल में एबीवीपी के सेवा कार्यों की जानकारी दी गई।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कोरोना के चलते पैदा हुए आर्थिक संकटों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों की फीस में कटौती की मांग की है। इसको लेकर संगठन ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को ज्ञापन भेजकर गुहार लगाई है।
देश में नई शिक्षा नीति को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने विद्यार्थियों की अपेक्षाओं को मूर्त रूप देने वाला करार दिया है। साथ ही उसने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के युवाओं के समग्र विकास का व्यावहारिक खाका है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को पत्र लिख कर उन्हें वर्तमान परिस्थितियों में छात्रों की समस्याओं से अवगत कराया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया है और कहा है कि प्रमोशन पॉलिसी की जगह परीक्षा और मूल्यांकन जरूरी है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कोरोना से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए छात्रों को सहूलियत देने के लिए परीक्षा अयोजन के अन्य कई विकल्प पर विचार करने की मांग सरकार से की है।
लॉकडाउन के दौरान शिक्षा जगत से जुड़े ज्वलंत मु्ददों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दो दिन में 8.68 लाख विद्यार्थियों से संपर्क किया।
छात्रों ने डिजास्टर मैनेजमेंट, योग आदि को पाठ्यचर्या में शामिल करने, तकनीक संपन्न क्लासरूम का निर्माण, छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल करने में आयु में छूट आदि सुझाव दिए हैं। एबीवीपी इन विषयों पर विस्तृत चर्चा के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपेगी।
कोविड वायरस से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। संघ के हिसाब से बने अवध प्रांत में आने वाले 15 जिलों में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मैदान संभाल रखा है।
पहली बार जादवपुर विश्वविद्यालय में मुकाबले में उतरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इंजीनियरिंग संकाय में SFI को तीसरे स्थान पर धकेलते हुए दूसरा स्थान हासिल किया।
एबीवीपी के बयान के अनुसार, गुजरात के सेंट्रल विश्वविद्यालय के छात्र परिषद के चुनाव में कुल 11 प्रतिनिधि सीटों में से एबीवीपी के उम्मीदवारों ने पांच सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की है।
एबीवीपी) सदस्य कोमल शर्मा ने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि मैं लापता हूं जो गलत है। इसलिए मैंने जांच में शामिल होने के लिए चिट्ठी लिखी है। मैं कहीं भी पूछताछ के लिए उपस्थित होने को तैयार हूं
एबीवीपी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी निधि त्रिपाठी ने कहा कि JNU में हुई हिंसा पर चर्चाएं की जा रही हैं लेकिन ये महज 5 जनवरी तक ही सीमित हैं।
JNU में हुई हिंसा के बाद पूरे देश का सियासी माहौल हुआ गर्म है। JNU में रविवार शाम हुई हिंसा में JNUSU अध्यक्ष आइषी घोष सहित कई विद्यार्थियों को चोट आईं। घायलों में कई ABVP कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के छात्रों के बीच हिंसक झड़प हुई है
दिल्ली पुलिस ने बताया कि अभी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है तथा मामले को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया है जिसने कुछ अहम सुराग मिलने का दावा किया है। सभी दलों के नेताओं ने जेएनयू हिंसा की निंदा की।
एबीवीपी के मनीष जांगिड ने कहा कि हमले का नेतृत्व JNUSU की अध्यक्ष आइश घोष और अन्य ने किया। मुझे AISA के सतीश चंद्र के नेतृत्व वाली भीड़ ने पीटा था।
गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, “केंद्रीय गृह मंत्री ने जेएनयू हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात की और उन्हें जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।”
JNU प्रशासन को परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वाम छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से संबद्ध छात्रों ने उसके सदस्यों पर “निर्ममता” से हमला किया।
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