कई ऐलोपैथिक डॉक्टर भी इस बात को मानते हैं कि योग और आयुर्वेद से लाइलाज बीमारियों का इलाज हो सकता है। मैं भी मानता हूं कि ऐलोपैथी ने पूरी दुनिया में लोगों की जान बचाने के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। इसीलिए आयुर्वेद और एलोपैथी में टकराव नहीं होना चाहिए, ये एक दूसरे के पूरक हैं।
प्रचार के दौरान मोदी कांग्रेस के नेताओं का भाषण सुन रहे थे तो कांग्रेस के नेता भी मोदी का भाषण सुनकर उस हिसाब से अपनी स्पीच तैयार रहे थे। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे और राहुल गांधी दोनों ही मध्यप्रदेश में थे। मोदी ने राहुल को मूर्खों का सरदार कहा तो खरगे ने मोदी को झूठों का सरदार कह दिया।
बिहार के इस जातिगत सर्वे को हर नेता अपनी जाति के चश्मे से देख रहा है। जातिगत जनगणना हो गई, पर क्या इससे वाकई में गरीबों का भला होगा? क्या वाकई में सरकार जाति के आधार पर कल्याणकारी योजनाएं बना पाएगी?
मोदी जब बीजेपी के संगठन में थे तो उन्होंने पार्टी से ये प्रस्ताव पास करवाया था कि बीजेपी के पदाधिकारियों में एक-तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया जाय. गुजरात में जब मोदी मुख्यमंत्री थे, तो जो भी उपहार उन्हें मिलते थे, उनकी हर साल नीलामी होती थी और नीलामी से आने वाला पैसा गरीब लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च किया जाता।
अगर भारत को ग्लोबल लीडर बनना है, तो G-20 बड़ा ज़रिया हो सकता है क्योंकि दुनिया की GDP में 80 परसेंट भागीदारी G-20 में शामिल देशों की है, दुनिया का 75 परसेंट अन्तरराष्ट्रीय व्यापार G-20 देशों के बीच होता है. दुनिया की दो तिहाई आबादी G-20 देशों में रहती है और दुनिया का 60 परसेंट भौगोलिक क्षेत्र G-20 का देशों का है.
हैरानी की बात ये है कि कांग्रेस इस पर खामोश है. सनातन को HIV जैसा कहना, क्या नफरत फैलाने का काम नहीं है? ये राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान का सामान कैसे हो सकता है? ये भी नोट करने की जरूरत है कि कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियांक सनातन धर्म पर किए गए हमलों का समर्थन कर रहे हैं.
हजारों साल के जुल्म और सत्ता का इस्तेमाल करके भी सनातन धर्म को कोई मिटा नहीं पाया, तो इसके सर्वनाश की बात कहना और सोचना बेमानी है।
इस बार कोई गड़बड़ी नहीं होगी, ISRO के वैज्ञानिकों को पूरा भरोसा है। विक्रम लैंडर की चांद पर सॉफ्ट और सेफ लैंडिंग होगी।
महिला के साथ वहशीपन, मणिपुर में हो या बंगाल में, शर्मनाक तो दोनों हैं. मणिपुर में जो हुआ उसकी निंदा सबने की है, करनी भी चाहिए. वहां टकराव दो समुदायों के बीच है, लेकिन बंगाल में जो हुआ, वो राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच हुई जंग का नतीजा है.
भारत में सड़क दुर्घटनाएं बहुत होती हैं, इसका कारण लापरवाही है। सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए अब देश में कड़े कानून बनाए जाने की जरूरत है।
खतरा बड़ा है, इससे बचाने का काम सिर्फ सरकारें नहीं कर सकती, हम सबको इस खतरे को समझना होगा और ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के लिए अपना योगदान करना होगा.
राहुल जिद पर अड़े रहे. कह दिया, जेल चला जाऊंगा, पर न बयान वापस लूंगा, न माफी मांगूंगा, और फिर जब सेशन्स कोर्ट का फैसला आया, सजा हो गई तो कहा कि वो सावरकर नहीं हैं जो माफी मांग लें, वो गांधी हैं, गांधी कभी माफी नहीं मांगता.
शिवराज सिंह चौहान ने जो किया, वो बड़ी बात है. दो दिन पहले मैंने जब इस घटना का वीडियो देखा था, तो तस्वीरें देखकर गुस्सा आया, दुख हुआ, ये सोच कर ग्लानि हुई कि हम कैसे समाज में रहते हैं, लेकिन गुरुवार को जब शिवराज सिंह के साथ दशमत की तस्वीरें देखीं तो सुकून मिला.
मैं इस बात को लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत मानता हूं कि प्रधानमंत्री अपने 9 साल के काम गिना रहे हैं. मोदी जनता को हिसाब दे रहे हैं. लोकतंत्र में सरकार की जवाबदेही होनी चाहिए.
यह सही है कि बजरंगबली और बजरंग दल का आपस में कोई संबंध नहीं है,लेकिन बीजेपी ने इस मसले को ऐसा ट्विस्ट दे दिया है जिसके चक्कर में कांग्रेस में फंस गई है।
जब शिक्षा नीति बदलती है तो कुछ पुरानी चीज़ें हटती हैं और कुछ नई चीजें जुड़ती हैं। सिलेबस में जो बदलाव हुए हैं वो अस्थायी हैं। इन्हें फिर से बदला जा सकता है।
ममता अब डैमज कन्ट्रोल की कोशिश कर रही हैं और कह रही है कि उन पुलिस वालों पर एक्शन होगा जिन्होंने संवेदनशील इलाकों में रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा की इजाजत दी।
इमरान खान जानते हैं कि पाकिस्तान में कोई सिस्टम नहीं है। लोगों को अपने हुक्मरां पर भरोसा नहीं है और सियासत करने वालों को अदालतों पर भरोसा नहीं रहा। सबको लगता है कि सारी ताकत फौज के हाथ में है और आजकल फौज इमरान खान के खिलाफ है।
आरोप है कि पंजाब सरकार की एक्साइज पॉलिसी बनाने के लिए पंजाब के आबकारी मंत्री और अफसर दिल्ली आते थे और मनीष सिसोदिया के घर पर मीटिंग होती थी। इन लोगों ने ऐसी पॉलिसी बनाई कि होलसेल का काम सिर्फ दो ही पार्टियों को मिले।
कांग्रेस के नेता ये जानते हैं कि मोदी को गाली देने से नुकसान ही होता है। कई चुनावों में इसका नतीजा देख चुके हैं। इसके बाद भी पता नहीं क्यों चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के नेता सेल्फ गोल कर देते हैं।
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