मुंबई में 'इंडिया टीवी' के 'चुनाव मंच' में आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाविकास अघाड़ी का चेहरा सीटों के बंटवारे के बाद किया जाएगा। लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कह दिया कि महाराष्ट्र के लोग आज भी उद्धव ठाकरे के शासन को याद करते हैं।
भारत और चीन के बीच रिश्ते खराब होने से दोनों देशों के आपसी कारोबार पर जो असर पड़ा था वो भी अब धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। भारत के बहुत सारे उद्योग ऐसे हैं जो कच्चे माल के लिए चीन पर आश्रित हैं, अब उनकी मुश्किलें कम हो जाएंगी।
पुलिस न तो नाम पूछकर गोली चलाती है, और न मजहब देखकर एनकाउंटर करती है। बहराइच में जो हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद जिस तरह से लोगों के घर और दुकानें जलाई गईं वो भी दुर्भाग्यजनक था।
मेरी राय में, जो लोग चुनाव से पहले ही EVM पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बहुत सारे सवालों के जवाब देने होंगे - क्या लोकसभा चुनाव में EVM ठीक था और हरियाणा में हैक हो गया?
आज रतन टाटा नहीं रहे..इस 'रतन' को टाटा कैसे करें ? भारत के इस महान सपूत को अलविदा कैसे कहें...कैसे यकीन करें कि रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे....रतन टाटा का काम और नाम इतना बड़ा है कि आप अपने आसपास देखेंगे तो हर जगह उनकी उपस्थिति का एहसास होगा
मोदी ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम जातियों की बात नहीं करती क्योंकि इससे उसके वोटबैंक के बिखरने का खतरा होता है लेकिन हिन्दुओं को जातियों में बांटती है क्योंकि हिन्दुओं की एकजुटता से कांग्रेस को डर लगता है।
हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस के अपने नेता भी कह रहे हैं कि कांग्रेस को बीजेपी ने नहीं, कांग्रेस को कांग्रेस ने ही हराया है. लेकिन कांग्रेस हाईकमान के नेता अपनी हार के लिए EVM को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. कांग्रेस को सहयोगी दल क्या समझाना चाहते हैं,और कांग्रेस के नेता इसे समझना क्यों नहीं चाहते। इस
आज जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव नतीजों ने सबको चौंकाया....दोनों राज्यों की जनता ने एतिहासिक फैसला सुनाया...दोनों राज्यों में क्लीयर मैंडेट दिया....लेकिन हरियाणा के चुनाव नतीजे तो ऐसे हैं कि जिसकी उम्मीद न बीजेपी को थी...और न कांग्रेस को
कांग्रेस सिर्फ ये कहकर पीछा नहीं छुड़ा सकती कि तुषार गोयल को तो दो साल पहले पार्टी से निकाल दिया था। हरियाणा में वोटिंग से दो दिन पहले तुषार गोयल का पकड़ा जाना, दीपेन्द्र हुड्डा के साथ उसकी तस्वीरें और उसके मोबाइल में दीपेन्द्र हुड्डा का नंबर मिलना, कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है।
लोग बड़े जोश से बताते हैं कि आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में माहौल बदला है, अब बच्चे स्कूल जाते हैं, दुकानें खुलती हैं, डल झील में सैलानियों के लिए शिकारे चलते हैं, कश्मीर घूमने के लिए टूरिस्ट आते हैं, सिनेमा हॉल खुल गए हैं, कश्मीर में लोग अब खुली हवा में सांस लेते हैं, अब कहीं किसी का डर नहीं है।
कोई कह रहा है कि मोदी राज्य सरकारों को कमज़ोर करना चाहते हैं, कोई कह रहा है कि ये RSS का एजेंडा है, कोई कह रहा है कि मोदी देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू कर देंगे। लेकिन ये सब बेकार की बातें हैं।
इस खेल का एक दूसरा पहलू ये है कि केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को चक्कर में डाल दिया। वो इस बात में उलझे हुए हैं कि आतिशी को क्यों बनाया? आतिशी के माता-पिता ने अफज़ल गुरू के लिए मर्सी पिटीशन लगाई थी
कांग्रेस को डर है कि अगर हरियाणा में केजरीवाल दम लगाएंगे तो उनका वोट काट सकते हैं और ये डर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के भाषणों में भी दिखाई दे रहा है जिसमें वो जनता से अपील करते नजर आ रहे हैं कि हरियाणा में मुकाबला सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, इसलिए जनता किसी वोटकटवा को अपना वोट ना दे।
ये कहना बेमानी है कि प्रधानमंत्री ने वीडियो क्यों जारी किया? अगर मोदी वीडियो जारी न करते तो यही लोग कहते कि मोदी की CJI से सीक्रेट मीटिंग हुई। यही लोग कहते कि जब मोदी हर जगह का वीडियो पोस्ट करते हैं तो पूजा का क्यों नहीं किया?
1984 के कत्लेआम के बाद चाहे सिख समाज कांग्रेस से कितना भी नाराज़ रहा हो, कांग्रेस ने कभी भी खालिस्तान का समर्थन करने वालों को इसका फायदा नहीं उठाने दिया। कांग्रेस ने कभी खालिस्तान की मांग करने वालों को सिर नहीं उठाने दिया।
शिमला के लोगों की नाराज़गी देखकर, इतनी भारी संख्या में प्रोटेस्टर्स को देखकर ये तो साफ है कि मस्जिद का विवाद सिर्फ ट्रिगर प्वाइंट है। असली दिक्कत ये है कि अचानक बाहर से आकर लोग शिमला में बस गए हैं।
इंडिया टीवी स्पीड न्यूज तेज़ी से बढ़ते और जुड़े हुए दर्शकों को ध्यान में रखता है, जिसमें 65% से ज़्यादा हिंदी न्यूज दर्शक तेज़ न्यूज फ़ॉर्मेट पसंद करते हैं और इनमें से 30% से ज़्यादा दर्शक दिन भर में कई बार समाचार देखते हैं, जो छोटे और प्रभावशाली न्यूज कॉन्टेंट के लिए बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाता है।
मोदी ने जिस अंदाज़ में, पूरी विनम्रता के साथ सिर्फ छत्रपति शिवाजी से ही नहीं, महाराष्ट्र के लोगों से भी माफी मांगी है, उससे महाविकास आघाड़ी के नेताओं को बड़ा झटका लगा होगा।
डॉक्टर्स ये मानते हैं कि ममता बनर्जी ने पहले दिन प्रिंसिपल को बचाने की कोशिश की, पुलिस को प्रोटेक्शन देने की कोशिश की जबकि पुलिस और कॉलेज प्रशासन दोनों का रोल शक के दायरे में है।
पिता ने कहा कि जब वो सेमिनार हॉल में थे तो उनको ऐसा लगा कि पुलिस मामले को रफ़ा दफ़ा करना चाहती है, किसी को बचाने में जुटी है। अब इस केस की जांच CBI कर रही है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़