नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन मिला और आधार कार्ड से इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) किए जाने से इसमें काफी वृद्धि हुई।
ग्राहकों की सहमति से बैंक केवाईसी (ग्राहक को जानो/Know Your Customer) सत्यापन के लिए आधार का उपयोग कर सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र की ओर से हाल में जारी आधार अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायत लेकर पहले उच्च न्यायालय का रूख करे।
आधार की सुविधा के बिना एक ग्राहक के सत्यापन पर कम से कम 150 रुपए से 200 रुपए तक खर्च करना पड़ता था।
अध्यादेश के जरिये किए जाने वाले संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कठोर दंड प्रावधान किए गए हैं।
यह एप एंड्रॉयड 5.0 और इससे बाद के वर्जन पर चलने वाले सभी स्मार्टफोन पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। ऐसी खबरें हैं कि इस एप के आईओएस वर्जन पर काम चल रहा है और इसे जल्द ही जारी किया जाएगा।
मोदी सरकार पर तल्ख टिप्पणी करने के लिए मशहूर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त एवं रक्षा मंत्री पी. चिदम्बरम ने केंद्र सरकार की दो कोशिशों की जमकर तारीफ की।
नंदन नीलेकणि ने गुरुवार को कहा कि आधार जब शुरू हुआ था तो उसमें तमाम तरह की दिक्कतें आई थीं, लेकिन अब सब सही हो चुका है।
सरकार ने मोबाइल नंबर तथा बैंक खातों को जैविक पहचान वाले आधार कार्ड से स्वैच्छिक रूप से जोड़ने को कानूनी रूप प्रदान करने के लिए इससे संबंधित दो कानूनों में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने के प्रस्तावों को सोमवार को मंजूरी दी।
ज्ञात शवों की पहचान करने में आधार बायोमेट्रिक्स के उपयोग के लिए केंद्र और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को निर्देश देने की मांग की गई है
टेलीकॉम विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सभी टेलीकॉम कंपनियों से तत्काल आधार आधारित ई-केवाईसी के उपयोग को बंद करने के लिए कहा है।
विभाग ने कहा है कि अगर ग्राहक नये कनेक्शन के लिये स्वेच्छा से आधार देता तो इसे दस्तावेज के रूप में उपयोग किया जा सकता है। यानी इसका उपयोग आफलाइन किया जा सकता है।
दूरसंचार विभाग और यूआईडीएआई ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि सरकार मोबाइल उपभोक्ताओं पर केवाईसी विवरण का पुन: सत्यापन करने का दबाव नहीं डालेगी
दूरसंचार विभाग (डीओटी) तथा यूआईडीएआई ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर लोगों को राहत दी है।
डाटा सेंधमारी के मामलों में इस साल की पहली छमाही में अमेरिका के बाद भारत का स्थान रहा है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) कार्ड धारक रोहिंग्या शरणार्थियों में से उन सभी के आधार कार्ड रद्द किये जायेंगे जिन्होंने इसे यूएनएचसीआर कार्ड के आधार पर हासिल किया था।
भातरीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर आधार सेवा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दूसरी दफा उपचार के लिए आधार अनिवार्य होगा।
UIDAI ने टेलिकॉम कंपनियों को इसके लिए 15 अक्टूबर तक का समय दिया है
सुप्रीम कोर्ट यानी सर्वोच्च अदालत। जिसका काम न्याय करना और न्याय करने की प्रक्रिया के दौरान सभी असमंजस को दूर करना है। लेकिन हाल में आए सुप्रीम कोर्ट के दो फ़ैसले असमंजस में डाल रहे हैं।
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