बजट पेश करने जा रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वो देश के लिए आर्थिक विकास चुनें या राजकोषीय सख्ती।
अरुण जेटली ने लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे 2015-16 पेश कर दिया। इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 7-7.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में केन्द्र सरकार के पसीने छूट रहे हैं। वहीं, केन्द्रीय कर्मचारियों ने आयोग की सिफारिशों को नाकाफी बताया है।
डॉयचे बैंक ने कहा है कि यदि सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें को लागू करती है तो इसका देश की अर्थव्यवस्था पर काफी विपरीत असर पड़ेगा।
आने वाले आम बजट में सातवें वेतन आयोग और समान रैंक समान पेंशन (ओआरओपी) को लागू करने के लिए आगामी बजट में 1.10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा।
सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को देखने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई है। इसमें सचिव स्तर के 13 सदस्य शामिल होंगे।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए रेलवे कन्वेंशन कमेटी ने 2015-16 में सरकार से चार फीसदी डिविडेंड दिए जाने की सिफारिश की है।
वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि यदि अगले 10 साल के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर सतत रूप से 7 फीसदी बनी रहती है तो भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो जाएगा।
सरकार ने साल 2015-16 के लिए छमाही इकोनॉमिक सर्वे जारी कर दिया है। इसमें जीडीपी अनुमान को 8.1-8.5 फीसदी से घटाकर 7-7.5 फीसदी कर दिया गया है।
7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल 2015 तक केंद्र सरकार के पास 33 लाख कर्मचारी हैं, जिसमें से करीब 10 लाख लोगों की उम्र 50-60 वर्ष के बीच है।
1.2 अरब लोगों की आबादी वाले देश भारत के पास सरकारी कर्मचारियों की भारी कमी है। वेतन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल 33 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं।
उद्योग मंडल एसोचैम ने 7th Pay Commission की सिफारिशों पर चिंता जाहिर की है। एसोचैम ने कहा कि सिर्फ टैक्स वसूली और डिवेस्टमेंट प्रोसेस पर निर्भर रहना गलत है।
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