6G in India: भारत में 6G को लेकर जोरों-शोरों से तैयारी चल रही है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के दौरान केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया है कि भारत 6G टेक्नोलॉजी में दुनिया को लीड करने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराया। उन्होंने देश को भी संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र पर भी कई सारी बड़ी बातें कहीं। पीएम मोदी ने भारत में 6G को लेकर भी कई बड़ी कहीं।
6G पर चलने वाला दुनिया का पहला प्रोटोटाइप डिवाइस पेश हुआ है। इस डिवाइस में 100 Gbps की स्पीड से डेटा एक्सेस किया जा सकता है। इसकी इंडोर और आउटडोर दोनों जगह टेस्टिंग की गई है।
Nokia ने भारत में 6G पर रिसर्च करने के लिए बेंगलुरू में लैब सेटअप किया है। इसके लिए नोकिया ने IISc के साथ साझेदारी की है। नोकिया भारतीय परिस्थितियों को आधार पर नेक्स्ट जेनरेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के भविष्य के बारे में रिसर्च करेगा।
कल से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में इंडिया मोबाइल कांग्रेस इवेंट का आयोजन होने जा रहा है। इसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। माना जा रहा है कि इवेंट में करीब 1 लाख से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। इसी के साथ इसमें 31 देशों के प्रतिनिधि शामिल होने पहुंचेंगे।
5G के बाद अब भारत ने 6G टेक्नोलॉजी के लिए भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। टेलीकम्यूनिकेशन के क्षेत्र में अपनी पकड़ को बनाए रखने के लिए भारत इंटरनेट की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में बेंगलुरू में देश की पहली 6G लैब को शुरू किया गया है। 5G की तुलना में 6G में कई गुना तेजी से इंटरनेट की सुविधा मिलेगी।
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत 4जी से पहले दूरसंचार प्रौद्योगिकी का केवल एक उपयोगकर्ता था, लेकिन आज यह दुनिया में दूरसंचार प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा निर्यातक बनने की ओर बढ़ रहा है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स का क्षेत्र काफी जटिल है लेकिन इसके बावजूद हमारे वैज्ञानिक और इंजीनियर्स के साथ साथ शिक्षाविद अब तक 100 6G पेटेंट हासिल करने में कामयाब रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि देश में 397 शहरों में 5G नेटवर्क को रोलआउट किया जा चुका है।
सैमसंग की इस 5G टेक्नोलॉजी से स्मार्टफोन सीधेतौर पर सैटेलाइट से जुड़ जाएंगे। इस टेक्नोलॉजी से दूर-दराज के उन इलाकों में बेहतर तरीके से कम्यूनिकेशन हो सकेगा जहां मोबाइल टॉवर्स लगाना संभव नहीं है। इसी के साथ यह कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में एक बड़ा चेंज ला सकती है.
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