1993 मुंबई बम ब्लास्ट के दोषी कैदी मोहम्मद अली खान उर्फ मुन्ना को अन्य 5 कैदियों ने नाले के ढक्कन से पीट-पीटकर मार डाला। मुन्ना कोल्हापुर के कलंबा सेंट्रल जेल में बंद था।
अबु बकर की गिरफ्तारी लंबे अरसे बाद हुई है और वो लगातार 29 साल से भारतीय जांच एजेंसियों की राडार से फरार चल रहा था। 1997 में दाऊद इब्राहिम कासकर की डी कंपनी के इस कोर टीम के सिपहसालार के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था।
कोर्ट ने कहा कि वोहरा समिति ने इस बात पर भी गहन चिंता जताई है कि स्थानीय निकायों, राज्य विधानसभाओं और संसद में पिछले कुछ सालों में कई अपराधी चुन कर पहुंचे हैं।
मुंबई में साल 1993 में हुए सीरियल धमाकों का ये वो राज़दार है जिसने दाऊद और उसकी डी-कंपनी की एक-एक साजिश को दुनिया के सामने खोलकर रख दिया था। जिसने न सिर्फ दाऊद और टाइगर मेमन की साजिश का पर्दाफाश किया बल्कि उसने पाकिस्तान और उसकी आईएसआई का कच्चा-चिट्ठ
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