पूरे देश की तरह अब जम्मू-कश्मीर में भी सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षाणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की।
केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया था। इस पर सुनवाई करते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने इस पर फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया है।
लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी 7 सीटों पर चुनाव हारने के बाद दिल्ली सरकार के तेवर कुछ ढीले हुए हैं, दिल्ली सरकार ने सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को मंजूरी दे दी है
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह सामान्य श्रेणी के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले को अभी संविधान पीठ के समक्ष भेजने का आदेश देने के पक्ष में नहीं है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि रेलवे सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने वाला पहला सरकारी विभाग बनने को तैयार है और अगले दो वर्षों में करीब 23000 नौकरियां मुहैया कराएगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने पर जल्द ही फैसला करेगी।
संसद में आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण के बिल पर बहस के दौरान डीएमके ने आरक्षण का विरोध किया था।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण को मंजूरी दे दी है।
लोकसभा और राज्यसभा से बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति ने इसको अपनी मंजूरी दे दी थी और मंजूरी के बाद अब केंद्र सरकार ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है
"यह आरक्षण बहुत पेचीदा होगा क्योंकि इसके दायरे में आने वाले लोगों का सटीक पता लगाना मुश्किल होगा। जैसे मान लें कि एक शख्स के पास रोजगार है और वह इस आठ लाख वार्षिक आय के दायरे में आता है लेकिन उसे दूसरी जॉब मिल जाती है, जो इस दायरे से बाहर है तो ऐसे में प्रशासन को कैसे पता चलेगा।"
सामना ने अपने मराठी संस्करण में कहा है, ‘‘पिछले दो सालों में नौकरी के अवसर बढ़ने के बजाय कम हुए हैं और नोटबंदी एवं जीएसटी लागू किये जाने के कारण करीब 1.5 करोड़ से लेकर दो करोड़ नौकरियां गई हैं। युवाओं में लाचारी की भावना है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण की वह दीवार एक झटके में तोड़ दी जो अगड़ी जातियों को अन्य पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों से अलग करती थी।
मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां इस पर कड़ा रुख अपना सकती हैं। राज्यसभा में भाजपा के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं।
राज्यसभा में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने वाला बिल पास हो गया है। सवर्ण आरक्षण बिल के समर्थन में 165 वोट पड़े और इसके खिलाफ 7 वोट पड़े हैं।
राम गोपाल यादव ने कहा जिस हिसाब से अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी है उस लिहाज से उन्हें 54 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए
मायावती ने कहा है कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लोगों को आरक्षण का स्वागत करती हैं
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था। इस विधेयक के पास होने पर संविधान में 124वां संशोधन करने का रास्ता साफ हो गया है
सरकार आरक्षण देने की तैयारी तो कर चुकी है लेकिन कानूनी जानकार बताते हैं कि रास्ता आसान नहीं है। इसके लिए सरकार को संविधान में संशोधन करवाना पड़ेगा। संविधान संशोधन के लिए पहले बिल को संसद के दोनों सदनों में पास करना होगा जिसके बाद संसद के सभी सदस्यों का बहुमत या संसद के दोनों सदनों के 2/3 बहुमत से पारित करना ज़रूरी होगा।
इस आरक्षण के तहत वे लोग हकदार होंगे जो अभी तक 50 प्रतिशत आरक्षण वाले दायरे में नहीं हैं
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