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तेलंगाना सुरंग हादसा: 'अंदर फंसे लोगों के बचने की संभावना बहुत कम', राज्य के मंत्री का बयान

तेलंगाना नागरकुरनूल जिले में सुरंग हादसे में अंदर फंसे लोगों को बटाने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, तेलंगाना सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि अंदर फंसे लोगों के बचने की संभावना बहुत कम है।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Feb 24, 2025 15:29 IST, Updated : Feb 24, 2025 16:57 IST
तेलंगाना सुरंग हादसा।
Image Source : PTI तेलंगाना सुरंग हादसा।

तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के एक निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढ़ह जाने के बाद 8 लोग इसके अंदर फंस गए। बीते दो दिनों से इन लोगों को बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बचाव अभियान चला रही हैं। हालांकि, अब तक अंदर फंसे लोगों को बचाने में कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है। वहीं, अब तेलंगाना सरकार के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने सोमवार को इस घटना को लेकर बड़ा बयान दिया है। मंत्री ने कहा है कि सुरंग के अंदर फंसे आठ लोगों के बचने की संभावना अब बहुत कम है। हालांकि उन तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

क्यों हो रही बचाने में मुश्किल?

मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने बताया है कि 2023 में उत्तराखंड में ‘सिल्कयारा बेंड-बरकोट’ सुरंग में फंसे निर्माण श्रमिकों को बचाने वाले ‘‘रैट माइनर्स’’ की एक टीम लोगों को निकालने के लिए बचाव दल के साथ सहयोग कर रही है। मंत्री ने बताया है कि सुरंग के भीतर फंसे हुए लोगों को बचाने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे।  दुर्घटना स्थल कीचड़ और मलबे से भरा हुआ है। इस कारण रेस्क्यू टीम के लिए यह एक मुश्किल काम बन गया है। मंत्री राव ने बताया है कि सुरंग खोदने वाली मशीन (TBM) का वजन कुछ सौ टन है। सुरंग ढहने और पानी के तेज बहाव के कारण मशीन लगभग 200 मीटर तक बह गई है।

बचने की संभावना बहुत कम- मंत्री

तेलंगाना के मंत्री ने कहा- ‘‘ईमानदारी से कहूं तो उनके बचने की संभावना बहुत, बहुत, बहुत, बहुत ही कम है क्योंकि मैं खुद उस आखिरी छोर तक गया था जो (दुर्घटना स्थल से) लगभग 50 मीटर दूर था। जब हमने तस्वीरें लीं तो (सुरंग का) अंत दिखाई दे रहा था और नौ मीटर के व्यास वाली सुरंग में लगभग 30 फुट में से 25 फुट तक कीचड़ जमा हो गया है। जब हमने उनके नाम पुकारे, तो कोई जवाब नहीं मिला।  अगर यह मान लें कि वे (फंसे हुए लोग) टीबीएम मशीन के निचले हिस्से में हैं, यह भी मान लें कि वह मशीन ऊपर है, तो हवा (ऑक्सीजन) कहां है? नीचे, ऑक्सीजन कैसे जाएगी? सभी प्रकार के प्रयासों, सभी प्रकार के संगठनों (काम करने) के बावजूद, मलबा और अवराधकों को हटाने में, मुझे लगता है कि.लोगों को निकालने में तीन-चार दिन से कम समय नहीं लगेगा।’’ 

तेलंगाना में निर्माणाधीन सुरंग में हादसे के बाद फंसे लोगों की पहचान- उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, जम्मू कश्मीर के सनी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है। इनमें से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं। (इनपुट: भाषा)

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