Friday, July 05, 2024
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'KCR सरकार में रेवंत रेड्डी और हाई कोर्ट जज के फोन की हो रही थी निगरानी', तेलंगाना पुलिस का कोर्ट में दावा

तेलंगाना पुलिस के हलफनामे के मुताबिक आरोपियों ने जानबूझकर सभी टैपिंग नियमों का उल्लंघन किया जबकि वे जानते थे कि ऐसा करना टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध है।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: July 04, 2024 20:08 IST
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी - India TV Hindi
Image Source : FILE-ANI मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के साथ डीजीपी

हैदराबाद: फोन टैपिंग मामले के आरोपियों ने तेलंगाना की पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के कार्यकाल में हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश और उनके परिवार सहित कुछ राजनीतिक नेताओं और कई अन्य लोगों के मोबाइल फोन पर निगरानी रखी थी। हैदराबाद पुलिस ने तेलंगाना हाई कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामा में यह दावा किया।

सीडीआर और आईपीडीआर निकाले गए

पुलिस ने यह भी उल्लेख किया कि आरोपी पुलिस अधिकारियों ने कांग्रेस नेता एवं मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और अन्य के फोन नंबर के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड) प्राप्त किये थे। इसके मुताबिक आरोपियों ने रेवंत रेड्डी के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, करीबियों और पार्टी सहयोगियों की ‘प्रोफाइल’ तैयार की थी।

पुलिस ने छह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट

हैदराबाद पुलिस ने विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), दो अपर पुलिस अधीक्षक और पूर्व पुलिस आयुक्त सहित छह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इन अधिकारियों को 13 मार्च को विभिन्न इलेक्ट्रानिक गैजेट से डेटा को कथित तौर पर मिटाने और पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार के कार्यकाल में फोन टैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बुधवार को उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया। न्यायालय स्वत: संज्ञान लेकर फोन टैपिंग मामले की सुनवाई कर रहा है।

कई लोगों के सैकड़ों फोन कॉल टैप किए गए

शहर पुलिस ने बताया कि एसआईबी के पूर्व प्रमुख टी.प्रभाकर राव (जो फरार है) ने तत्कालीन सत्तारूढ़ दल और उसके नेताओं को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से राजनीतिक निगरानी करने से जुड़े कार्यों के लिए एसआईबी में अनौपचारिक रूप से ‘विशेष अभियान दल’ का गठन किया। इसमें कहा गया है कि एसआईबी के निलंबित डीएसपी डी.प्रणीत कुमार उर्फ ​​प्रणीत राव और उनकी टीम ने सैकड़ों लोगों के प्रोफाइल तैयार किए, कई लोगों के सैकड़ों फोन कॉल टैप किए।

हाई कोर्ट में पुलिस ने किया ये दावा

हैदराबाद पुलिस ने दावा किया कि आरोपियों ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उनकी पत्नी के फोन नंबरों की सीडीआर और आईपीडीआर हासिल की थी। उन्होंने 10 सितंबर, 2022 से नौ सितंबर, 2023 तक की अवधि के लिए सीडीआर हासिल की और आठ अगस्त, 2023 से सात सितंबर, 2023 तक की अवधि के लिए आईपीडीआर प्राप्त की थी। 

इनपुट- भाषा 

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