हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की एक अदालत ने शुक्रवार को फोन टैपिंग मामले में तेलंगाना पुलिस के पूर्व पुलिस उपायुक्त (DCP) राधाकिशन राव को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गुरुवार को उनसे पूछताछ करने के बाद पुलिस ने शुक्रवार शाम को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था। लुक-आउट सर्कुलर जारी होने के बाद गुरुवार को वह जांचकर्ताओं के सामने पेश हुए थे। राव से बंजारा हिल्स पुलिस स्टेशन में उनके साथ काम करने वाले एक सर्कल इंस्पेक्टर गट्टू मल्लू के साथ कई घंटों तक पूछताछ की गई।
पुलिस की विज्ञप्ति में कबूलनामे की बात
पुलिस की एक विज्ञप्ति में शुक्रवार रात को कहा गया, ‘इस मामले की जांच के तहत उक्त व्यक्ति (राधाकिशन राव) को कल बंजारा हिल्स पुलिस थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने निजी लोगों की प्रोफाइल विकसित करने की साजिश रचने और वैध कर्तव्यों के लिए निर्धारित आधिकारिक संसाधनों का दुरुपयोग करने के कथित अपराध में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली।’ राव को उनके कबूलनामे पर शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजे जांच अधिकारी ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 12 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
3 पुलिस अफसर पहले ही हो चुके हैं अरेस्ट
तेलंगाना में पिछली भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार के दौरान विपक्षी नेताओं और व्यापारियों के फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तार होने वाले पूर्व DCP चौथे पुलिस अधिकारी हैं। हाल के विधानसभा चुनाव के दौरान किशन राव को चुनाव आयोग ने उनके पद से हटा दिया था। फोन टैपिंग का मामला SIB के DSP डी. प्रणीत राव की गिरफ्तारी से सामने आया। सबूत नष्ट करने के आरोप में उन्हें 13 मार्च को सस्पेंड कर दिया गया था और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रभाकर राव की देखरेख में था फोन टैपिंग ऑपरेशन!
विधानसभा चुनाव में BRS की हार के बाद उन्होंने कथित तौर पर 50 हार्ड डिस्क को नष्ट कर डेटा मिटा दिया था। SIT द्वारा प्रणीत राव से पूछताछ के दौरान मामले में कथित रूप से शामिल अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए। प्रणीत राव से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो (SIB) प्रमुख प्रभाकर राव सहित अन्य अधिकारियों के परिसरों की तलाशी ली, जो कथित तौर पर फोन टैपिंग के पूरे ऑपरेशन को देख रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के करीबी माने जाने वाले प्रभाकर राव ने कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद एसआईबी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।