तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदराराजन ने शुक्रवार को राज्य की पिछली सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोगों ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में संविधान की भावना के विरुद्ध काम करने वाली सरकार के 10 साल के तानाशाही वाले शासन को समाप्त किया है और राज्य में जनता की सरकार बनी है। इस बयान पर बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने राज्यपाल की टिप्पणियों को "बकवास" कहकर खारिज कर दिया। बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने के बाद राज्यपाल ने पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार पर राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल तमिलिसाई सुंदराराजन में कहा कि जनादेश ने बता दिया है कि तेलंगाना में अहंकार और निरंकुशता की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले दस साल में तबाह हुई संवैधानिक संस्थाओं, प्रणालियों और मूल्यों का पुनर्गठन किया जा रहा है और जनता की वर्तमान सरकार संवैधानिक मूल्यों, प्रणालियों और प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित कर रही है। राज्यपाल ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले 10 साल तक युवाओं के लिए रोजगार और आजीविका की पूरी तरह अनदेखी की और तेलंगाना आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले नौजवानों की सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की सरकार युवाओं को रोजगार देने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रही है।
बीआरएस ने दी तीखी प्रतिक्रिया
वहीं बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने राज्यपाल की टिप्पणियों को "बकवास" कहकर खारिज कर दिया। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह (राज्यपाल की टिप्पणी) वास्तव में भयावह और निंदनीय है। राज्यपाल ने आज अपने भाषण में जो भी कहा, वह वास्तव में तेलंगाना के लोगों का अपमान करने वाला है।" रामा राव ने कहा कि उनकी धारणा थी कि राज्यपाल एक "भाजपा कार्यकर्ता" हैं, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा लगता है कि वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई हैं।
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