तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दिल्ली शराब नीति मामले में भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के. कविता को जमानत दिए जाने के बारे में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को बयान जारी किया है। रेवंत रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है।
न्यायपालिका के प्रति सर्वोच्च सम्मान और पूर्ण विश्वास
रेड्डी ने कहा, 'भारतीय न्यायपालिका के प्रति मेरा सर्वोच्च सम्मान और पूर्ण विश्वास है। मैं समझता हूं कि 29 अगस्त, 2024 की कुछ प्रेस रिपोर्टों में मेरे नाम से की गई टिप्पणियों से यह आभास हुआ है कि वह माननीय न्यायालय के न्यायिक विवेक पर सवाल उठा रहे थे।'
अपने बयानों पर खेद जताया
रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि वह दोहराते हैं कि न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास रखता हूं। प्रेस रिपोर्टों में व्यक्त किए गए बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूं। ऐसी रिपोर्टों में उनके नाम से की गई टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है।
कोर्ट के प्रति देते रहेंगे सम्मान
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्रता के प्रति उनके मन में बिना शर्त सम्मान और सर्वोच्च आदर है। भारत के संविधान और उसके लोकाचार में दृढ़ विश्वास रखने वाले के रूप में वह न्यायपालिका को सर्वोच्च सम्मान देते हैं और आगे भी देते रहेंगे।
के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने 27 अगस्त को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में के. कविता को जमानत देते कहा था कि किसी अपराध का दोषी ठहराए जाने से पहले लंबे समय तक कारावास को बिना सुनवाई के सजा नहीं बनने दिया जाना चाहिए।
ये दिया था बयान
कोर्ट के फैसले के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की थी यह एक तथ्य है कि बीआरएस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के लिए काम किया। ऐसी भी चर्चा है कि कविता को बीआरएस और बीजेपी के बीच सौदे के कारण जमानत मिली है।