तेलंगाना में सरकारी जमीन बेचने के लिए सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भूखंड बेचना और कर्ज लेना सरकार के दिवालियापन को दर्शाता है। रेड्डी ने आरोप लगाया कि सरकारी भूमि के प्रति बीआरएस सरकार का रवैया गैर-जिम्मेदाराना है और यह सत्ता का दुरुपयोग है। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में वोट पाने और अपनी राजनीतिक जरूरतों के लिए सरकारी जमीनों को इच्छानुसार बेचना पूरी तरह से जनविरोधी कार्य है।
"शासन के दिवालियापन को दर्शाता है"
रेड्डी ने आरोप लगाया कि सरकारी जमीनों को बेचना और सरकार चलाने के लिए कर्ज लेना बीआरएस शासन के दिवालियापन को दर्शाता है। बीजेपी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के 'अकुशल शासन' के कारण सरकार को कर्ज लेना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की अक्षमता के कारण सरकारी कर्मचारियों को महीने की पहली तारीख को वेतन नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बीआरएस शासन के पिछले नौ वर्षों के दौरान ग्राम पंचायतों को रख-रखाव के लिए धन नहीं दिया जा रहा है।
"छह लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया"
उन्होंने दावा किया कि जब 2014 में तेलंगाना का गठन हुआ था, तो वह एक अधिशेष राज्य था और अब इसे दिवालिया राज्य बना दिया गया है। रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग छह लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास गरीबों के घर के वास्ते जमीन नहीं है और जब केंद्र की ओर से हैदराबाद में एक आदिवासी संग्रहालय और संगीत नाटक अकादमी की स्थापना के लिए जमीन व धन के आवंटन की मांग की गई, तो राज्य सरकार ने उचित जवाब नहीं दिया।
"सरकारी जमीन बेचा जाना सत्ता का दुरुपयोग"
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सरकारी जमीन बेचा जाना सत्ता का दुरुपयोग है। उन्होंने बीआरएस पार्टी और कांग्रेस पार्टी को हैदराबाद में कार्यालयों के निर्माण के लिए भूमि के आवंटन में भी गलती पाई। उन्होंने आरोप लगाया, "इन दोनों दलों की आपस में मिलीभगत है। कांग्रेस के लिए 10 एकड़ और बीआरएस के लिए 11 एकड़। दोनों दलों ने पार्टी कार्यालयों के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपये की सरकारी जमीनें बांट ली।" उन्होंने यह भी कहा कि जब बीजेपी तेलंगाना में सत्ता में आएगी, तो बीआरएस और कांग्रेस के जमीन के आवंटन को रद्द कर देगी।
इस मौके पर रेड्डी ने बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव का एक कथित ऑडियो चलाया, जिसमें वह विपक्ष में रहते हुए सरकारी जमीन बेचने के खिलाफ बोल रहे थे। हैदराबाद में सरकारी जमीन बेचने का किशन रेड्डी का आरोप राज्य सरकार द्वारा हाल ही में की गई जमीनों की नीलामी के संदर्भ में है।