तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए अब काफी कम समय बचा हुआ है। भाजपा, कांग्रेस और BRS सभी दलों की ओर से चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी गई है। ऐसे समय में राज्य के मुख्यमंत्री KCR को एक बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार की रेतु बंधु योजना के तहत रकम ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी है। ये रोक राज्य में आदर्श आचार संहिता के लागू रहने तक जारी रहेगी। आइए जानते हैं पूरा मामला।
क्या है पूरा मामला?
चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक, तेलंगाना सरकार को रायथु बंधु योजना के तहत वित्तीय सहायता वितरित करने के लिए दी गई अनुमति वापस ले लिया गया है। चुनाव आयोग वे कहा है कि रायथु बंधु योजना के तहत तब तक कोई वितरण नहीं किया जाएगा, जब तक तेलंगाना में आदर्श आचार संहिता लागू है।
इस कारण लगी रोक
चुनाव आयोग ने कुछ शर्तों के साथ रायथु बंधु योजना के तहत रबी फसलों के लिए किसानों को वित्तीय सहायता के वितरण के लिए राज्य सरकार को अनुमति दी थी। हालांकि, पीटीआई के मुताबिक, राज्य के वित्त मंत्री टी. हरीश राव ने रबी किश्तों के वितरण के बारे में एक सार्वजनिक घोषणा की थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने योजना के लिए दी गई अनुमति को वापस ले लिया।
क्या है रायथु बंधु योजना?
तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने साल 2018 में रायथु बंधु योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार राज्य के हर किसान किसान के खाते में साल में दो बार 5-5 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से रकम ट्रांसफर करती है। किसानों को ये रकम खरीफ और रबी की फसल के वक्त मिलती है। हाल ही में सीएम केसीआर की पार्टी बीआरएस ने इस योजना के तहत राशि को 16 हजार रुपये प्रति वर्ष करने की घोषणा की है।
चुनाव व परिणाम की तारीख
तेलंगाना में विधानसभा की सभी 119 सीटों के लिए चुनाव का आयोजन 30 नवंबर को एक ही चरण में किया जाएगा। चुनाव आयोग ने परिणाम की तारीख भी घोषित कर रखी है। मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ ही तेलंगाना चुनाव के परिणाम भी 3 दिसंबर को ही जारी किए जाएंगे।
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