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तेलंगाना: फोन टैपिंग मामले में आरोपी नंबर 1 टी प्रभाकर राव के नाम पर लुकआउट नोटिस जारी

आम चुनाव से पहले राज्य में हंगामा मचाने वाले फोन टैपिंग मामले में तेलंगाना खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी प्रभाकर राव को आरोपी नंबर 1 के रूप में नामित किया गया है।

Written By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published : Mar 25, 2024 18:47 IST, Updated : Mar 25, 2024 18:47 IST
टी प्रभाकर राव
Image Source : SOCIAL MEDIA टी प्रभाकर राव

फोन टैपिंग मामले में तेलंगाना इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी प्रभाकर राव को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है। राव के ही आदेश पर के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पिछली बीआरएस सरकार के दौरान विपक्षी नेताओं के फोन को अवैध रूप से टैप करके डाटा इकट्ठा किया गया था। टी प्रभाकर राव के नाम पर लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। हैदराबाद में टी प्रभाकर के घर की तलाशी ली गई, साथ ही लगभग एक दर्जन अन्य स्थानों की भी तलाशी ली गई है, जिसमें श्रवण राव का आवास भी शामिल है, जो आई न्यूज नामक एक तेलुगु टीवी चैनल चलाते हैं।

कई और पुलिस अधिकारियों की हो रही जांच

बताया जा रहा है शरवन राव ने कथित तौर पर एक स्थानीय स्कूल के परिसर में इज़राइल से मंगाए गए फोन-टैपिंग उपकरण और सर्वर स्थापित करने में मदद की थी। एक अन्य पुलिसकर्मी राधा किशन राव को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। उनके लिए भी लुक-आउट नोटिस जारी किया गया है। इस मामले के संबंध में तेलंगाना के कई अन्य पुलिस अधिकारियों की जांच की जा रही है। इनके अतिरिक्त एसपी भुजंगा राव और थिरुपथन्ना, और डिप्टी एसपी प्रणीत राव को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने कहा कि पिछले हफ्ते गिरफ्तार किए गए भुजंगा राव और तिरुपथन्ना ने अवैध रूप से निजी व्यक्तियों की निगरानी करने और सबूत नष्ट करने की बात कबूल की है।

इन लोगों के फोन किए गए थे टैप

प्रणीत राव को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था और उन पर अज्ञात व्यक्तियों की प्रोफाइल बनाने और अनधिकृत तरीके से उनकी गतिविधियों की निगरानी करने के साथ-साथ कुछ कंप्यूटर सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर संग्रहीत डेटा को नष्ट करने का आरोप लगाया गया था। कथित तौर पर प्रभाकर राव के आदेश पर सबूत नष्ट कर दिए गए थे। यह आदेश 2023 के चुनाव में कांग्रेस द्वारा बीआरएस को हराने के एक दिन बाद दिया गया था। जिन व्यक्तियों के गैजेट्स की निगरानी की गई थी, उनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बीआरएस के लोग भी शामिल हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि तेलुगु अभिनेताओं और व्यवसायियों पर भी नज़र रखी गई और उनमें से कई को ब्लैकमेल किया गया। सूत्रों के मुताबिक, एक लाख से भी अधिक फोन कॉल टैप किए गए थे।

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