के कविता की जमानत को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बयान दिया था, जिसपर अब सुप्रीम कोर्ट भड़क गया है। सुप्रीम कोर्ट ने रेवंत रेड्डी के बयान पर गहरी नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह से बयान देना चाहिए। संस्थानों के प्रति परस्पर सम्मान होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कोई यह कैसे कह सकता है कि हम राजनीतिक कारणों से आदेश पारित करते हैं। अगर आपको सुप्रीम कोर्ट का सम्मान नहीं है तो ट्रायल कहीं और भेज देंगे। यह देश की सबसे बड़ी अदालत है। कल ही हमने महाराष्ट्र के एडिशनल चीफ सेकेट्री को नोटिस जारी किया है।
रेवंत रेड्डी के बयान पर भड़का सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने कहा कल ही हमने सोमवार तक सुनवाई टाली है। रेवंत रेड्डी के खिलाफ ट्रायल को राज्य से बाहर भेजने पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा। बता दें कि रेवंत रेड्डी के बयान पर जस्टिस बीआर गवई ने नाराजगी जताई। रेवंत रेड्डी ने बीआरएस नेता के कविता को जमानत दिए को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी की थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि सीएम ने जो बयान दिया है, क्या आपने उसे पढ़ा है? एक मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए ऐसे बयान आशंका पैदा कर सकते हैं। एक संवैधानिक पदाधिकारी इस तरह बोल रहा है। हम किसी राजनीतिक दल से सलाह-मशवरा करके अपना आदेश पारित करेंगे? यह तो केस ट्रांसफर का आधार होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दिक्कत है तो मुकदमा कहीं और ले जाइए
जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हमें किसी की आलोचना से कोई मतलब नहीं है। हम अपने विवेक और शपथ के अनुसार अपना कर्तव्य निभाते हैं। हम केस ट्रांसफर के मामले को अभी बंद नहीं कर रहे हैं। हम हमेशा कहते हैं कि हम विधायिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। उनसे भी यही अपेक्षा की जाती है। अगर आपको सुप्रीम कोर्ट का सम्मान नहीं है तो मुकदमा कहीं और ले जाइए। यह देश की सबसे बड़ी अदालत है। हालांकि सुबह के समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तेलंगाना के सीएम के खिलाफ चल रहे ट्रायल को तेलंगाना से बाहर ट्रांसफर करने पर कोर्ट सहमत नहीं है।