Friday, November 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. तेलंगाना
  3. जज के बेटे के खिलाफ SHO ने नहीं दर्ज की छेड़छाड़ की FIR, हाई कोर्ट में होना पड़ा पेश

जज के बेटे के खिलाफ SHO ने नहीं दर्ज की छेड़छाड़ की FIR, हाई कोर्ट में होना पड़ा पेश

तेलंगाना हाई कोर्ट ने एक SHO को इसलिए पेश होने के लिए कहा था क्योंकि उन्होंने एक जज के बेटे के खिलाफ यौन उत्पीड़न और मारपीट के मामले में FIR दर्ज नहीं की थी।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: February 17, 2024 20:53 IST
Telangana SHO, Telangana SHO FIR, Telangana News- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE तेलंगाना हाई कोर्ट ने FIR दर्ज न करने पर SHO को पेश होने के लिए कहा था।

हैदराबाद: एक बर्खास्त महिला कर्मचारी की शिकायत के बावजूद कथित मारपीट और यौन उत्पीड़न के मामले में जिला जज के बेटे के खिलाफ FIR दर्ज नहीं करने पर एक SHO को शुक्रवार को तेलंगाना हाई कोर्ट के समक्ष पेश होना पड़ा। कोर्ट के निर्देश पर करीमनगर टू टाउन पुलिस स्टेशन के SHO ओडेला वेंकटेश व्यक्तिगत रूप से चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस जे. अनिल कुमार की बेंच के समक्ष पेश हुए। करीमनगर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीशों के आवास पर काम करने वाली महिला कार्यालय अधीनस्थ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने SHO द्वारा FIR दर्ज नहीं करने को गंभीरता से लिया था।

‘लोग डॉक्टर, वकील और पुलिस के पास बेवजह नहीं जाते’

कोर्ट ने 14 फरवरी को हुई पिछली सुनवाई में SHO को पेश होने का निर्देश दिया। अतिरिक्त महाधिवक्ता मोहम्मद इमरान ने शुक्रवार को कोर्ट को बताया कि FIR 14 फरवरी को दर्ज की गई थी। उन्होंने FIR दर्ज करने में देरी का बचाव करने के लिए सरकारी वकील की ओर से कोर्ट से माफी मांगी। बेंच ने कहा कि पुलिस को लोगों के प्रति अपना व्यवहार बदलने की जरूरत है, वह लोगों की मदद के लिए है, उन्हें डराने के लिए नहीं। बेंच ने यह भी कहा कि लोग मनोरंजन के लिए पुलिस स्टेशनों में नहीं जाते। उसने कहा कि लोग डॉक्टर, वकील और पुलिस के पास बेवजह नहीं जाते।

‘भले ही शिकायत झूठी हो, FIR दर्ज की जानी चाहिए थी’

अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से कहा कि वह तेलंगाना के DGP को ये सुझाव दें कि पुलिसकर्मियों को अपने कर्तव्यों और सही व्यवहार के लिए शिक्षित किया जाए। बेंच ने कहा कि FIR दर्ज न करने की कार्रवाई का बचाव इस आधार पर किया गया कि महिला ने नौकरी से बर्खास्त किए जाने के कारण शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट ने कहा कि भले ही शिकायत झूठी हो, आरोपों की गंभीर प्रकृति को देखते हुए FIR दर्ज की जानी चाहिए थी, ताकि जांच में सच्चाई सामने आए। कोर्ट  ने शिकायतकर्ता द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह साफ कर दिया कि FIR दर्ज नहीं करने पर थानेदार को स्पष्टीकरण देना होगा।

4 मई को मामले की अगली सुनवाई करेगी अदालत

कोर्ट ने पुलिस अधिकारी को FIR दर्ज न करने का कारण बताते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई के लिए 4 मार्च की तारीख तय की। करीमनगर में अतिरिक्त जिला जजों के घरों पर काम करने वाली महिला कर्मचारी को 6 अक्टूबर 2023 को इस आधार पर बर्खास्त कर दिया गया था कि उसने कार्यालय अधीनस्थ पद को सुरक्षित करने के लिए अपनी योग्यता को छुपाया था। कुछ अन्य कर्मचारियों को भी इसी आधार पर बर्खास्त किया गया था। हालांकि, महिला ने खुद के खिलाफ उत्पीड़न की बात करते हुए आरोप लगाया कि जब वह थाने में शिकायत दर्ज कराने गई तो FIR दर्ज नहीं की गई। (IANS)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें तेलंगाना सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement