Sunday, November 24, 2024
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'आपराधिक मामलों में तेलंगाना से उचित सहायता नहीं मिल रही', सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

आपराधिक मामलों में तेलंगाना की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को सही प्रकार से मदद न मिलने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। इसको लेकर SC ने राज्य के DGP से कहा कि आपराधिक मामलों में कोर्ट को ठीक प्रकार से मदद नहीं मिल रही है।

Edited By: Adarsh Pandey
Updated on: October 04, 2024 23:40 IST
File Photo- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO आपराधिक मामलों में तेलंगाना से सहयोग न मिलने पर SC ने जताई नाराजगी

आज सुप्रीम कोर्ट बहुजन समाज पार्टी के नेता वी. जनैया यादव की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान कोर्ट ने तेलंगाना की तरफ से सही प्रकार से मदद न मिलने को लेकर नाराजगी जताई। कोर्ट में डिजिटल माध्यम से पेश हुए DGP डॉ जितेंद्र से नाराजगी जताते हुए SC ने कहा कि तेलंगाना की तरफ से अदालत को सही मदद नहीं मिल रही है। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति SVN भट्टी की पीठ ने DGP से कहा कि अदालत को लगातार उचित मदद नहीं मिल पा रही है।

SC ने आखिर क्या कुछ कहा?

तेलंगाना की तरफ से अदालत को सही तरह से मदद न मिलने के कारण SC ने नाराजगी जताई। इस दौरान न्यायमूर्ति SVN भट्टी ने कहा, 'मैं आपको बता दूं कि आपराधिक मामलों में हमें तेलंगाना की तरफ से उचित सहायता नहीं मिल रही है, यह एक Default स्थिति है।' तो वहीं न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने कहा, तेलंगाना से जुड़े मामलों में बार-बार ऐसा देखने को मिल रहा है।

DGP ने कोर्ट से कही ये बात

अदालत ने जब DGP से नाराजगी जताते हुए सही सहायता न मिलने की बात कही तो DGP ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा, 'पुलिस अधिकारियों की तरफ से गलती हुई है क्योंकि आरोपपत्र में तारीखों की जानकारी नहीं दी गई है। हम उन अधिकारियों पर जरूरी कार्रवाई करेंगे।' DGP के अलावा राज्य सरकार के वकील ने भी अपनी गलती मानी और संवाद की कमी के लिए माफी मांगी। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट को विश्वास दिलाया कि आगे से ऐसा कभी नहीं होगा।

कोर्ट ने DGP से क्यों कही ऐसी बातें?

SC 1 अक्तूबर को एक आपराधिक मामले की सुनवाई कर रही थी। इस दौरान अभियोजन पक्ष और सरकारी वकील के बीच संवादहीनता यानी Lack of communication को देखते हुए इसपर नाराजगी जताई। इसके अलावा कुछ खामियां भी कोर्ट ने नोटिस की थी। इसी संबंध में कोर्ट ने DGP को अदालत में पेश होने के लिए कहा था। कोर्ट ने DGP से कहा कि 1 अक्तूबर जो खामियां सामने आई, उनका संकेत देने वाला एक हलफनामा दायर किया जाए।

इस संबंध में हो रही थी सुनवाई

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट BSP के नेता वी. जनैया यादव की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसके संबंध में यह पूरा मामला हुआ। दरअसल पिछले साल तक वी. जनैया यादव BRS यानी भारत राष्ट्र समिति पार्टी में थे और फिर उन्होंने उस पार्टी को छोड़कर BSP का दामन थाम लिया। इसके बाद पिछले साल ही उन्होंने कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए यह आरोप लगाया कि BRS को छोड़ने के बाद तत्कालीन बीआरएस सरकार ने उनपर आपराधिक मुकदमा दर्ज करा दिया है। कोर्ट ने पिछले साल ही वी. जनैया यादव के खिलाफ दर्ज कई FIR के मामले गिरफ्तार करने से अंतरिम राहत दिया था।

(इनपुट: पीटीआई)

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