हैदराबादः तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बुधवार को राज्य के लिए नई एमएसएमई नीति लांच की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सूक्ष्म लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों पर अगले पांच साल में 4,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। नई नीति के अनुसार, एमएसएमई के विकास में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने सुधार को लेकर छह क्षेत्रों की पहचान की है।
इन क्षेत्रों पर दिया जाएगा विशेष फोकस
ये क्षेत्र हैं, भूमि की उपलब्धता और पहुंच में सुधार, वित्त तक आसान पहुंच, कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करना, श्रम बाजारों में सुधार, प्रौद्योगिकी की स्वीकार्यता को प्रोत्साहित करना और बाजारों तक पहुंच बढ़ाना। नीति में कहा गया है कि सरकार का लक्ष्य अगले पांच साल में राज्य में 25,000 से अधिक नए एमएसएमई स्थापित करने का है।
दलित समुदाय के लोगों को मिलेगा ये फायदा
नीति दस्तावेज के अनुसार, तेलंगाना सरकार खरीद नीति भी तैयार कर रही है। इसमें एमएसएमई, विशेष रूप से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यमों से तरजीही आधार पर खरीद की व्यवस्था होगी। खरीद नीति की अधिसूचना के तीन महीने के भीतर उद्योग और वाणिज्य विभाग तरजीही खरीद योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए एक व्यवस्था बनाएगा। नीति में हरित प्रौद्योगिकियों की स्वीकार्यता बढ़ावा देने के लिए भी प्रावधान किये गये हैं। यदि एमएसएमई के पास सौर फोटोवोल्टिक संयंत्र स्थापित है या कुल उत्पन्न कचरे के निपटान के लिए एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र है अथवा इमारत तीन से से पांच स्टार रेटिंग वाली हैं तो सरकार प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
सरकार का लक्ष्य एमएसएमई में ई-कॉमर्स पैठ बढ़ाना भी है। इसके लिए डिजिटल कॉमर्स के खुले नेटवर्क (ओएनडीसी) और सरकारी ई मार्केटप्लेस पोर्टल पर विक्रेताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें आगे कहा गया है कि तेलंगाना सरकार छोटे विक्रेताओं और कारोबारियों को ओएनडीसी के बारे में जागरूक करने के लिए उद्योग मंडलों और भारत सरकार के सहयोग से उद्यमियों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करेगी।
इनपुट- भाषा