तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने ऐलान किया कि उनकी सरकार शिक्षा और किसानों से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए जल्द ही आयोग का गठन करेगी। रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम में कहा कि अल्पसंख्यक एवं महिला आयोग शिकायतें प्राप्त करता है और समस्याओं (अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं की) के समाधान के लिए सरकारों को सिफारिशें एवं निर्देश देता है। रेड्डी ने कहा कि हमारी सरकार ने दो क्षेत्रों को विशेष रूप से चिन्हित किया है। एक है शिक्षा और दूसरा है कृषि।
रेवंत रेड्डी ने क्या कहा?
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा आयोग के माध्यम से आपकी समस्याओं के समाधान की दिशा में निरंतर काम करने के लिए एक तंत्र बनाने का निर्णय लिया है। प्रस्तावित किसान आयोग नकली बीज, उर्वरक और अन्य के संबंध में किसानों की शिकायतों का समाधान करेगा और उनके कल्याण के लिए सिफारिशें करेगा। रेवंत रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और कृषि आयोगों की स्थापना को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि निजी कॉर्पोरेट संस्थान अपने छात्रों की उपलब्धियों का विज्ञापन करते हैं, जबकि सरकारी स्कूलों के छात्रों का पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना सरकार के लिए गर्व की बात है।
स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं
उन्होंने कहा कि देश के 90 प्रतिशत सिविल सेवा अधिकारी, वरिष्ठ राजनेता, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और यहां तक कि वह स्वयं भी शामिल हैं, सरकारी स्कूलों के छात्र रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साल दिसंबर में सत्ता संभालने के तुरंत बाद डीएससी (जिला चयन समिति) परीक्षा प्रणाली के तहत शिक्षकों की भर्ती के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है और सरकार ने पुराने सरकारी स्कूल भवनों के पुनर्निर्माण और स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम शुरू कर दिया है। (भाषा)
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