हैदराबाद: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी पांच-दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को तेलंगाना पहुंचीं। तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा, मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और वरिष्ठ अधिकारियों ने हकीमपेट स्थित वायुसेना के ठिकाने पर उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इससे पहले दिन में आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के प्रथम दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया।
17 से 21 दिसंबर तक तेलंगाना प्रवास
बता दें कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू 17 से 21 दिसंबर तक तेलंगाना प्रवास के दौरान राष्ट्रपति निवासों में से एक ‘राष्ट्रपति निलयम’ में रहेंगी। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू 18 दिसंबर को सिकंदराबाद के बोलारम स्थित राष्ट्रपति निलयम में विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगी। इसके बाद राष्ट्रपति 20 दिसंबर को सिकंदराबाद में रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय को राष्ट्रपति ध्वज प्रदान करेंगी।
राष्ट्रपति निलयम में रुकेंगी प्रेसिडेंट मुर्मू
सोमवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक राष्ट्रपति मुर्मू 20 दिसंबर को ही शाम को राज्य की मशहूर हस्तियों, प्रमुख नागरिकों और शिक्षाविदों के लिए ‘ऐट होम’ आयोजित करेंगी। परंपरा के अनुसार, राष्ट्रपति सरकारी कामकाज निपटाने के लिए वर्ष में कम से कम एक बार राष्ट्रपति निलयम आते हैं।
राष्ट्रपति निलयम क्या है
दरअसल, बोलारम में स्थित राष्ट्रपति निलयम को भारत की स्वतंत्रता के बाद हैदराबाद के निजाम से अधिगृहीत किया गया था और राष्ट्रपति सचिवालय को सौंप दिया गया था। इस इमारत का निर्माण 1860 में किया था। पूरा परिसर 90 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 11 कमरे हैं, जिनमें एक भोजन कक्ष, सिनेमा हॉल और मॉर्निंग रूम शामिल हैं।
आर्मीनिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 16 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में रिपब्लिक ऑफ आर्मीनिया की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष एलेन सिमोनियन के नेतृत्व में रिपब्लिक ऑफ आर्मीनिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने भारत और आर्मीनिया के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों और लोकतंत्र के साझा मूल्यों पर आधारित बहुआयामी समकालीन संबंधों को याद किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने वैश्विक बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच निकट सहयोग का भी उल्लेख किया और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में आर्मीनिया की सदस्यता तथा तीनों ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलनों में आर्मीनिया की भागीदारी की सराहना की। (इनपुट- एजेंसी)
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