
तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में एक गंभीर मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के विधायक टी हरीश राव के कैंप कार्यालय में काम कर चुके एक शख्स सहित तीन लोगों को गैर-कानूनी निगरानी यानी फोन टैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला सिद्दीपेट के एक रियल एस्टेट व्यवसायी की कथित अवैध निगरानी से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने शनिवार को इस मामले की जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में टी संतोष कुमार, पारशरामुलु और टी वंशी कृष्णा शामिल हैं। इन तीनों को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में सिद्दीपेट के जी चक्रधर गौड़ की शिकायत के आधार पर जालसाजी, जबरन वसूली का प्रयास और अन्य अपराधों के तहत पंजागुट्टा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।
शिकायतकर्ता ने क्या कहा?
जी चक्रधर गौड़ ने अपनी शिकायत में बताया कि कुछ लोग उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे थे, उन्हें यातनाएं दी जा रही थीं और उनकी निजी जिंदगी में अवैध तरीके से दखलंदाजी की जा रही थी। वह यह भी दावा कर रहे थे कि उन्हें एक अनजान व्हाट्सऐप नंबर से ब्लैकमेलिंग के संदेश मिल रहे थे। गौड़ ने यह आरोप भी लगाया कि हरीश राव ने राज्य की खुफिया एजेंसियों के जरिए उनकी जासूसी करवाने का आदेश दिया था।
गौड़ ने 2023 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार के तौर पर सिद्दीपेट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के बाद गौड़ को शक था कि हरीश राव ने उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए पुलिस अधिकारियों को भेजा था।
जांच में खुलासा
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान पाया कि संतोष कुमार ने एक ग्रामीण के निजी पहचान दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल करके अवैध रूप से एक सिम कार्ड जारी किया था। इसके बाद पारशरामुलु और वंशी कृष्णा ने इस सिम कार्ड का उपयोग ब्लैकमेलिंग और धमकी देने के लिए किया। आरोपियों में से वंशी कृष्णा ने दिसंबर 2023 तक टी हरीश राव के कैंप कार्यालय में काम किया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से महत्वपूर्ण सबूत भी जब्त किए हैं और जांच जारी रखी है।
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