केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से जुड़ा ‘फर्जी वीडियो’ साझा करने के मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की वकील दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ शाखा के समक्ष पेश हुईं और मुख्यमंत्री को पेश होने के लिये और समय देने का अनुरोध किया। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कथित तौर पर ‘फर्जी वीडियो’ पोस्ट करने के मामले में कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के प्रमुख और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चार अन्य सदस्यों के खिलाफ समन जारी होने के बाद रेड्डी की वकील बुधवार को दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश हुईं।
समन में उनसे बुधवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर जांच से जुड़ने के लिए कहा गया था। एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि विशेष प्रकोष्ठ की शाखा इंटेलिजेंस फ्यूजन और स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) के समक्ष पेश होने के लिए रेड्डी ने और समय देने की मांग की थी। रेड्डी की वकील सौम्या गुप्ता ने मीडिया को बताया कि जिस हैंडल से वीडियो साझा किया गया वह हैंडल रेड्डी का नहीं है।
गुप्ता ने द्वारका में दिल्ली पुलिस के आईएफएसओ कार्यालय में जांच अधिकारी से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘वह सोशल मीडिया हैंडल तेलंगाना के मुख्यमंत्री का नहीं है।’’ दिल्ली पुलिस ने रेड्डी और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के चार अन्य सदस्यों शिवकुमार अंबाला, असमा तसलीम, सतीश माने और नवीन पीतम को भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी)की धारा 91 और 160 के तहत समन जारी किया था।
एक पुलिस सूत्र के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 160/91 के तहत नोटिस दिया जाता है, तो वह व्यक्ति या जांच अधिकारी के सामने स्वयं उपस्थित हो सकता है या कानूनी प्रतिनिधि भेज सकता है। रेड्डी ने तेलंगाना के निजामाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में बुधवार को एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके खिलाफ दिल्ली में मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मैंने भाजपा से सवाल किया। जब मैंने ऐसा किया, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने प्रतिशोधात्मक रवैया अपना लिया और मेरे खिलाफ दिल्ली में मामला दर्ज करा दिया।