हैदराबाद: तेलंगाना में 13 मई को राज्य की 17 लोकसभा सीटों के लिए मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, सूबे की 17 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में 64.93 प्रतिशत मतदान हुआ है जिसमें भोंगिर खंड में सबसे ज्यादा 76.47 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि हैदराबाद में 46.08 प्रतिशत मतदान हुआ। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 62.77 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस तरह देखा जाए तो इस बार पिछले चुनावों के मुकाबले ज्यादा मतदान हुआ है।
हैदराबाद से फिर ताल ठोक रहे हैं असदुद्दीन ओवैसी
देश में लोकसभा के चौथे चरण के लिए हुए मतदान में राज्य के 625 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो गई, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों में केंद्रीय मंत्री और भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बंदी संजय कुमार और वरिष्ठ नेता एटाला राजेंदर शामिल हैं, जबकि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के दानम नागेंद्र और के काव्या भी इन नेताओं में शुमार हैं। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से फिर से उम्मीदवार हैं और उनकी प्रतिद्वंदी BJP उम्मीदवार माधवी लता हैं।
2019 में बीजेपी ने सियासी पंडितों को चौंका दिया था
पत्रकारों से बातचीत के दौरान किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने दावा किया कि शहरी इलाकों में मतदान प्रतिशत कम था, लेकिन जो मतदान हुआ वह भाजपा के पक्ष में था। उन्होंने कहा कि कम मतदान होने के कई कारण हैं। 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत राष्ट्र समिति ने 17 में से 9 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि बीजेपी ने 4 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। इसके अलावा कांग्रेस ने 3 और AIMIM से असदुद्दीन ओवैसी ने एक सीट पर कब्जा किया था। (भाषा)