
तेलंगाना सरकार द्वारा राज्य के जाति सर्वेक्षण का अध्ययन, विश्लेषण और व्याख्या करने के लिए गठित स्वतंत्र विशेषज्ञ कार्य समूह (IEWG) ने 20 मार्च को अपनी पहली बैठक बुलाई। विशेषज्ञ समूह की बैठक हैदराबाद में एमसीआर एचआरडी संस्थान में हुई, जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सुदर्शन रेड्डी ने की और उपाध्यक्ष कांचा इलैया, संयोजक प्रवीण चक्रवर्ती सहित अन्य लोग इसमें शामिल हुए।
एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सर्वेक्षण पद्धति और प्रारंभिक निष्कर्षों की विस्तृत प्रस्तुति हैदराबाद के कलेक्टर ए दुरीशेट्टी द्वारा विशेषज्ञ समूह के समक्ष प्रस्तुत की गई। विशेषज्ञ समूह ने सर्वेक्षण के लिए अपनाई गई कठोर और वैज्ञानिक पद्धति की सराहना की।
7 अप्रैल को दूसरी बैठक
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सर्वेक्षण डेटा के आगे के विश्लेषण के लिए विभिन्न विश्लेषणात्मक और अर्थमितीय रूपरेखाओं पर चर्चा की गई और उन्हें तैयार किया गया। विश्लेषण के लिए विभिन्न डोमेन के लिए विशेषज्ञ समूह के भीतर उप-समूह बनाए जाएंगे और समूह 7 अप्रैल, 2025 को उप-समूहों के सभी इनपुट को समेकित करने के लिए फिर से बैठक करेगा।
तेलंगाना जातिगत जनगणना के आंकड़े
तेलंगाना में पिछले साल हुई जातिगत जनगणना के आंकड़े इस साल फरवरी में जारी किए गए थे। राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। मुस्लिम अल्पसंख्यकों को छोड़कर अन्य पिछड़े वर्ग की आबादी 46.25 प्रतिशत है, जो राज्य की कुल 3.70 करोड़ जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा है। जनसंख्या प्रतिशत के संदर्भ में पिछड़ी जातियों के बाद अनुसूचित जाति (17.43 प्रतिशत), अनुसूचित जनजाति (10.45), मुसलमानों में पिछड़े वर्ग (10.08) और अन्य जातियां (13.31), मुसलमानों में पिछड़ी जातियां (2.48) हैं।
किस वर्ग की कितनी आबादी?
संख्या के लिहाज से, अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 61,84,319, अनुसूचित जनजातियों की 37,05,929, मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अलावा पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 1,64,09,179 है। वहीं, मुस्लिम अल्पसंख्यकों में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 35,76,588 है, मुस्लिम (ओसी) की जनसंख्या 8,80,424 है। रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य में कुल मुस्लिम प्रतिशत 12.56 है। राज्य में कुल मकानों की संख्या 1,15,78,457 है, जबकि सर्वेक्षण किए गए कुल मकानों की संख्या 1,12,15,134 है। तेलंगाना पिछड़े वर्ग की श्रेणी में पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण प्रदान करता है। रेड्डी ने रिपोर्ट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सर्वेक्षण में 3,54,77,554 व्यक्तियों (जनसंख्या का 96.9 प्रतिशत) को शामिल किया गया। (इनपुट- पीटीआई)