हैदराबाद। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहने के बीच आत्मदाह करने वाले एक चालक की मौत हो जाने के कुछ ही घंटों बाद टीएसआरटीसी के एक कंडक्टर ने अपने घर में फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। कुलसुम्पुरा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि सुरेंद्र गौड़ ने यहां अपने घर के पंखे से लटककर रविवार रात आत्महत्या कर ली। उसकी आयु करीब 50 वर्ष थी।
अधिकारी ने बताया कि गौड़ के परिवार वालों ने उसके कमरे का दरवाजा तोड़ा और उसे निकटवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया जहां रात करीब साढ़े नौ बजे चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आत्महत्या की वजह के बारे में पूछे जाने पर पुलिस ने बताया कि गौड़ टीएसआरटीसी की हड़ताल के कारण ‘‘सितंबर के वेतन का भुगतान नहीं होने और नौकरी जाने की आशंका’’ के कारण स्पष्ट रूप से अवसाद में था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले रविवार को नौवें दिन भी हड़ताल जारी रहने के बीच आत्मदाह करने वाले निगम के 55 वर्षीय एक कर्मी की मौत हो गई थी।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि डी श्रीनिवास रेड्डी की जलने से मौत हो गई। वह राज्यव्यापी हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के एक समूह में शामिल था। रेड्डी ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की मांगें नहीं मानने को लेकर कथित रूप से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए शनिवार को खम्मम के पास अपने घर के समीप खुद को आग लगा ली थी। रेड्डी की मौत की खबर फैलने के बाद बड़ी संख्या में तेलंगाना सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी अस्पताल के पास एकत्र हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया। इसके बाद शहर और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन हुए।
कर्मचारियों ने उनकी मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए नारेबाजी की। कर्मचारी टीएसआरटीसी का सरकार में विलय करने और विभिन्न पदों पर भर्ती की मांग करते हुए हड़ताल पर हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने डी श्रीनिवास रेड्डी की मौत पर शोक प्रकट किया और कहा कि इस घटना से उन्हें बहुत पीड़ा हुई है। तेलंगाना के मंत्रियों, कांग्रेस एवं भाजप समेत विपक्ष के नेताओं ने भी रेड्डी की मौत पर शोक व्यक्त किया। इससे पहले, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को कहा था कि हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से बातचीत करने या उन्हें वापस लेने का कोई सवाल नहीं उठता।
साथ ही राव ने बस सेवाओं को बहाल करने का भी अधिकारियों को निर्देश दिया और जरूरत पड़ने पर आरटीसी एवं पुलिस विभाग के वाहनचालकों की सेवाएं लेने, नए कर्मचारियों की नियुक्ति करने के लिए भी कहा। टीएसआरटीसी की संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) ने 19 अक्टूबर को राज्यव्यापी बंदी का ऐलान किया है।