तेलंगाना सरकार ने सोमवार को कहा कि उसके द्वारा घोषित की गयी एक नीति के मुताबिक दो लाख रुपये तक का फसल ऋण माफ कर दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा घोषित ऋण माफी योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार 12 दिसंबर, 2018 को या उसके बाद दिये गये या नवीनीकृत किये गये ऐसे फसल ऋण को माफ कर दिया जाएगा जिसे नौ दिसंबर, 2023 तक चुकाना था। सरकार ने ऋणमाफी के दिशानिर्देशों पर सोमवार को तेलुगू में आदेश जारी किया।
सरकार ने कहा कि किसान परिवारों की पहचान के लिए नागरिक आपूर्ति विभाग के पीडीएस कार्ड के डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाएगा। परिवार में उसके मुखिया, उनकी जीवन संगिनी, बच्चे एवं अन्य शामिल होंगे। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) इस योजना में आईटी साझेदार के रूप में काम करेगा। दिशानिर्देशों के अनुसार ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन के लिए हर बैंक में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। नोडल अधिकारी राज्य कृषि विभाग के निदेशक एवं एनआईसी के बीच समन्वयन का काम करेंगे। उपयुक्त ऋण माफी राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थी किसान के ऋण खाते में डाल दी जाएगी।
21 जून को किया था कर्जमाफी का ऐलान
ए रेवंत रेड्डी ने 21 जून को तेलंगाना में किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद रेड्डी ने कहा था कि 12 दिसंबर, 2018 से नौ दिसंबर, 2023 के बीच जिन किसानों ने दो लाख रुपये तक का कर्ज लिया है, उन्हें एकमुश्त माफ कर दिया जाएगा। रेड्डी ने कहा था कि कर्ज माफी से राज्य के खजाने पर लगभग 31,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया था कि पिछली बीआरएस सरकार ने एक लाख रुपये की कर्ज माफी के अपने वादे को ईमानदारी से लागू नहीं करके किसानों और खेती को संकट में डाल दिया था। उनकी सरकार दो लाख रुपये के कृषि ऋण माफी के अपने चुनावी वादे को पूरा कर रही है। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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