भारत राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के. रामा राव ने गुरुवार को एक बयान दिया। दरअसल उन्होंने यह बयान एसीबी के समक्ष पेश होने से पहले दिया। उन्होंने अपने बयान में गुरुवार को कहा कि जब वह पिछली सरकार में मंत्री थे, तब उनका एजेंडा था हैदराबाद को गतिशील एवं महत्वपूर्ण केंद्र बनाना। क्योंकि इस ओर दुनिया बढ़ रही है और फॉर्मूला-ई रेस उसी महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण का एक हिस्सा थी। राव को केटीआर के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर कहा, ‘‘भारत में एक प्रतिष्ठित आयोजन कराने के लिए अथक प्रयास किया, ताकि हैदराबाद और तेलंगाना की ‘ब्रांड’ छवि को वैश्विक स्तर पर बढ़ाया जा सके। एजेंडा हैदराबाद को स्थायी गतिशीलता वाला महत्वपूर्ण केंद्र बनाना था, क्योंकि दुनिया इस दिशा में आगे बढ़ रही है। ‘फॉर्मूला-ई रेस’ इस महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण को साकार करने के प्रयास का एक हिस्सा थी।’’
एसीबी के सामने पेश होने से पूर्व केटीआर ने दिया बयान
बता दें कि गुरुवार की सुबह 10 बजे केटीआर को एसीबी ने फॉर्मूला ई रेस के आयोजन के लिए कथित अनधिकृत भुगतान से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन एसीबी के समक्ष पेश होने से पूर्व उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य टीएमवी (तेलंगाना मोबिलिटी वैली) क्लस्टर को नवाचार, अनुसंधान और इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण का केंद्र बनाना है, जिससे रोजगार बढ़े और राजस्व का भी सृजन हो। उन्होंने आगे कहा कि क्षुद्र राजनीति से प्रेरित छोटी सोच वाले लोग शायद इनमें से कुछ भी कभी समझ नहीं पाएंगे, लेकिन मुझे यह विश्वास है कि तेलंगाना के लोग जो ये सबकुछ देख रहे हैं, वे हमारे दृष्टिकोण को और हमारी सच्चाई को समझेंगे।
रेवंत रेड्डी पर केटीआर का बयान
केटीआर ने कहा कि सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है। उन्होंने आगे पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि फॉर्मूला ई रेस मामले में कुछ भी गलत नहीं किया गया है। उनका प्रयास हैदराबाद की ब्रांड छवि को बेहतर बनाने का था। उन्होंने कहा कि पिछली बार बीआरएस सरकार के दौरान मंत्री के रूप में उन्होंने मौजूदा कांग्रेस मंत्रियों की तरह कोई भ्रष्टाचार नहीं किया। उन्होंने कहा, आखिरकार सच्चाई सामने आ ही जाएगी। हमल लोगों से जुड़े मुद्दे पर बोलना जारी रखेंगे। राव ने आगे सीएम रेवंत रेड्डी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा दर्ज किए गए मामले बीआरएस का ध्यान सार्वजनिक मुद्दों और पार्टी के चुनावी वादों पर बोलने से नहीं हटा पाएंगे। बीआरएस लड़ाई जारी रखेगी, जब तक कि तेलंगाना कांग्रेस के चंगुल से मुक्त नहीं हो जाता।
(इनपुट-भाषा)