हैदराबाद: फॉर्मूला-E ने तेलंगाना की नई सरकार पर अनुबंध के उल्लंघन का आरोप लगाया है। साथ ही हैदराबाद में होने वाली रेस को रद्द कर दिया है। भारत में होने वाली इस दूसरी फॉर्मूला-E रेस का आयोजन 10 फरवरी को होना था। फॉर्मूला-E ने नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास विभाग (एमएयूडी) पर अनुबंध के उल्लंघन का आरोप लगाया है। यह विभाग तेलंगाना सरकार के अंतर्गत आते हैं। फॉर्मूला-E ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘‘तेलंगाना सरकार के तहत आने वाले नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास विभाग (एमएयूडी) ने 30 अक्टूबर 2023 को मेजबान शहर के साथ किए गए अनुबंध का पालन नहीं किया, जिसके कारण यह रेस रद्द कर दी गई।’’
पिछले साल भी रेस का हुआ था आयोजन
यहां बता दें कि देश में पहली इलेक्ट्रिक रेस का आयोजन पिछले साल फरवरी में किया गया था। उस समय तेलंगाना के तत्कालीन मंत्री केटी रामा राव ने हैदराबाद में इस रेस के आयोजन में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी पार्टी को दिसंबर में राज्य में हुए चुनाव में कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा था। नई सरकार ने इस रेस के आयोजन में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। बयान में कहा गया है कि ‘‘फॉर्मूला-E ऑपरेशंस (एफईओ) के पास एमएयूडी को यह बताने के लिए औपचारिक रूप से नोटिस देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि यह अनुबंध का उल्लंघन है। एफईओ अपनी स्थिति पर विचार कर रहा है कि मेजबान शहर समझौते और कानूनों के तहत वह क्या कदम उठा सकता है। इस संबंध में एफईओ के पास सभी अधिकार सुरक्षित हैं।’’
चार साल के लिए किया गया था समझौता
फॉर्मूला-E, तेलंगाना सरकार और ग्रीनको के बीच शुरू में चार साल के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। ग्रीनको पहली रेस के बाद इस प्रतियोगिता से हट गया था। फॉर्मूला-E के सह संस्थापक और मुख्य चैम्पियनशिप अधिकारी अल्बर्टो लोंगो ने कहा कि ‘‘हम भारत में मोटरस्पोर्ट के प्रशंसकों के लिए बेहद निराश हैं। हम जानते हैं कि आधिकारिक मोटरस्पोर्ट विश्व चैम्पियनशिप रेस की मेजबानी करना हैदराबाद और पूरे देश के लिए कितना महत्वपूर्ण था।’’
(इनपुट: भाषा)
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