हैदराबाद: तेलंगाना की पुलिस ने फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तार एक पूर्व पुलिस उपायुक्त यानी DCP पर ‘अपहरण’ और ‘जबरन वसूली’ का मामला दर्ज किया है। पूर्व DCP के ऊपर यह केस एक बिजनेसमैन की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि 2018 में उसका अपहरण हुआ था और तब उन्हें धमकी देकर अपनी कंपनी अपने बिजनेस पार्टनर को सौंपने को कहा गया था। व्यवसायी ने यह शिकायत 8 अप्रैल को दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस ने यह एक्शन लिया है।
29 मार्च को हुई थी पूर्व डीसीपी की गिरफ्तारी
शिकायत में एक स्वास्थ्य सेवा कंपनी के फाउंडर बिजनेसमैन ने कहा था कि उनके अपहरण के लिए कंपनी के 4 अंशकालिक निदेशकों और हैदराबाद पुलिस की एक शाखा ‘कमिश्नर टास्क फोर्स’ के पूर्व DCP राधा किशन राव के साथ मिलीभगत हुई थी। शिकायत में कहा गया है कि तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन पर अपनी कंपनी के 100 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर 4 निदेशकों को ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला था। पूर्व DCP को फोन टैपिंग मामले की चल रही जांच के तहत और कथित तौर पर कुछ कंप्यूटर सिस्टम एवं आधिकारिक डेटा नष्ट करने के आरोप में 29 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।
पूर्व DCP के अलावा 6 अन्य पर भी केस दर्ज
व्यवसायी की शिकायत के आधार पर जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन में पूर्व DCP, 2 पुलिसकर्मियों, 4 निदेशकों और अन्य के खिलाफ IPC की धारा 365, 386, 341 और 120बी के तहत केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि आगे की जांच जारी है। FIR के मुताबिक, हेल्थकेयर कंपनी के 4 अंशकालिक निदेशकों ने कंपनी में व्यवसायी की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी कम कीमत पर उन्हें बेचने का दबाव डाला। शिकायतकर्ता ने कहा कि राव की गिरफ्तारी के बाद ही उसने हैदराबाद सिटी पुलिस को इस घटना की सूचना दी और उनसे इन मामलों की गहन जांच करने का आग्रह किया।