तेलंगाना में पुलिस ने डिजिटल स्कैम की शिकार हुई एक बुजुर्ग महिला को 70 लाख रुपये लौटा दिए हैं। बुजुर्ग महिला साइबर ठगों के जाल में फंस गई थी और 1.58 करोड़ रुपये उनके खातों में ट्रांसफर कर दिए थे। इसके बाद उसने पुलिस में ठगी की शिकायत की और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया। इसके साथ ही महिला के बचे हुए पैसे आरोपियों के खाते से निकलवाकर उसको वापस सौंप दिए।
हैदराबाद की एक 65 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी 'डिजिटल अरेस्ट' स्कैम में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का शिकार हुई थी। शहर की पुलिस की त्वरित कार्रवाई की बदौलत उसे 70 लाख रुपये वापस मिल गए हैं।
15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रही महिला
राचकोंडा पुलिस ने गुरुवार को बताया कि जालसाजों ने मुंबई के साइबर अपराध अधिकारी बनकर महिला को दिसंबर 2024 के दौरान लगभग 15 दिनों तक उसके घर पर "डिजिटल अरेस्ट" रखा। महिला को 8 दिसंबर को एक कॉल आया और उसे बताया गया कि उसके आईडी कार्ड से जुड़े एक सिम कार्ड का इस्तेमाल लोगों को परेशान करने और आपत्तिजनक संदेश भेजने के लिए किया गया है। उसे आगे धमकी दी गई कि यह नंबर कई अन्य मामलों से जुड़ा हुआ है। जालसाजों ने उसके बैंक खातों से संबंधित जानकारी भी निकाली और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए उसे 1.58 करोड़ रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद, उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है और उसने साइबर अपराध पुलिस से संपर्क किया, जिसने मामला दर्ज किया।
यूपी के अकाउंट में ट्रांसफर हुए थे पैसे
पुलिस ने बताया कि टीमें गठित की गईं और जांच के दौरान पुलिस ने धोखाधड़ी के पैसे का कुछ हिस्सा बरामद करने में सफलता हासिल की और पीड़ित को 70 लाख रुपये वापस दिलाए, जिसे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक निजी बैंक में ट्रांसफर कर दिया गया। राचकोंडा के पुलिस आयुक्त जी सुधीर बाबू और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई के लिए साइबर क्राइम पुलिस टीम की प्रशंसा की।