तेलंगाना में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की कोशिश कर रही हैं। यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री के.चंद्रशखेर राव (केसीआर) नीत भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) द्वारा राज्य की कुल 119 विधानसभा सीट में से 115 के लिए उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद हुआ है। बीआरएस द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही वाम दलों की उम्मीद भी टूट गई, जो सत्तारूढ़ दल के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने का प्रयास कर रहे थे।
गठबंधन पर औपचारिक बातचीत होना बाकी
बता दें कि वाम दलों ने पिछले साल नवंबर में मुनुगोडे में हुए उपचुनाव में बीआरएस उम्मीदवार का समर्थन किया था। बीआरएस उम्मीदवार की जीत के बाद केसीआर ने भाकपा और माकपा को समर्थन देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से दूर रखने के लिए यह दोस्ती आगे भी जारी रहेगी। गौरतलब है कि तेलंगाना में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। माकपा की तेलंगाना इकाई के सचिव तम्मीनेनी वीरभद्रम ने कहा कि कांग्रेस के तेलंगाना प्रभारी माणिकराव ठाकरे से इस मुद्दे (गठबंधन) पर चर्चा के लिए निमंत्रण मिला है। हालांकि, उन्होंने कहा कि औपचारिक बातचीत अभी होनी बाकी है।
कांग्रेस के प्रपोजल पर निर्भर होगी वार्ता
वीरभद्रम ने कहा, ‘‘उन्होंने (कांग्रेस) हमें न्योता दिया है। हमने उन्हें स्पष्ट करने को कहा है कि वे हमें क्या पेशकश करने जा रहे हैं। वार्ता उनकी ओर से हमें क्या पेशकश की जाती है, इसपर निर्भर करेगी।’’ उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य भाजपा का मिलकर मुकाबला करने का है। माकपा और भाकपा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पांच-पांच सीट की मांग कर रही हैं। हालांकि, जिन दो सीट पर वे दावेदारी कर रही हैं, उनपर वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं। भाकपा के सचिव कुनमनेनी सम्बाशिव राव से जब कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन इस बात पर निर्भर करेगा कि कांग्रेस हमारे साथ कैसा व्यवहार करती है।’’
अब बीआरएस बनाम कांग्रेस में बदले हालात
माकपा नेता ने कहा कि मुनुगोडे उपचुनाव के दौरान तेलंगाना में राजनीतिक स्थिति बीआरएस बनाम भाजपा की थी, जैसा कि चंद्रशेखर राव चाहते थे, लेकिन कर्नाटक चुनाव के बाद अब यह बीआरएस बनाम कांग्रेस में बदल गया है। उन्होंने कहा कि शायद, केसीआर सोच रहे होंगे कि चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में, भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए उनका समर्थन करेगी कि कांग्रेस सत्ता में न आए। कांग्रेस, वाम दल और तत्कालीन तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब बीआरएस) ने 2004 के आम चुनावों से पहले गठबंधन किया था और अविभाजित आंध्र प्रदेश की सत्ता में आई थी। कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने विधानसभा चुनाव के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करना शुरू कर दिया है।
(इनपुट- PTI)
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