आज तेलंगाना के विकाराबाद जिले के दामागुंडम वन क्षेत्र में भारतीय नौसेना के बेहद कम आवृति वाले रडार स्टेशन की आधारशिला रखी गई। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस स्टेशन की आधारशिला की रखी। इस दौरान उन्होंने उन देशों को लेकर जरूर संदेश दिया जो भारत के साथ समुद्री सीमा को साझा करते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जब VLF नौसैनिक स्टेशन से संचालन हो जाएगा तो यह समुद्री बलों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि रक्षा मंत्री ने शिलान्यास समारोह में क्या कुछ कहा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
रडार स्टेशन के शिलान्यास समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति को बनाए रखना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इस कोशिश में भारत के सभी मित्र देशों का सहयोग बहुत ही जरूरी है क्योंकि अगर इस काम में एक भी देश छूट गया तो इससे सुरक्षा में खतरा पड़ जाएगा। भारत सबको साथ लाने में विश्वास करता है न कि तोड़ने में और हम अपने सभी मित्र पड़ोसी देशों को साथ लेने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा, समुद्री सुरक्षा एक सामूहिक प्रयास है और इसमें बाहरी शक्तियों को आमंत्रित करना, हमारी एकता के प्रयासों को झटका दे सकता है।
देश का दूसरा VLF संचार ट्रांसमिशन स्टेशन है
आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेलंगान के विकाराबाद जिले में जिस रडार स्टेशन की आधारशिला रखी वो देश में दूसरा वीएलएफ संचार ट्रांसमिशन स्टेशन है। तेलंगाना सरकार की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस तरह का पहला रडार स्टेशन तमिलनाडु के तिरुनेलवेली है। तिरुनेलवेली में INS कट्टाबोम्मन रडार स्टेशन पहला है और यह दूसरा है।
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कही ये बात
इस आधारशिला को लेकर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संवाददाताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, तेलंगाना के लिए यह गर्व का पल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह देश में इस तरह का दूसरा केंद्र है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है।
BRS नेता ने इस निर्माण का विरोध किया
आपको बता दें कि BRS के नेता के.टी. रामा राव ने इसको लेकर पारिस्थितिकी असंतुलन पैदा होना का आरोप लगाया है। उन्होंने इसके निर्माण का भी विरोध किया। तो वहीं केटी रामा राव के आरोपों का खंडन करते हुए जी किशन रेड्डी ने कहा, 'चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने ही केंद्र को रडार स्टेशन की स्थापना के लिए जमीन और मंजूरी, दोनों दी थी।' उन्होंने आगे कहा, साल 2017 के दिसंबर में लंगाना सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी। उस समय जारी किए गए सरकारी आदेश के मुताबिक, परियोजना के लिए दामागुंडम वन क्षेत्र में 2,900 एकड़ जमीन दी गई थी।
(इनपुट: भाषा)
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