रूसी सेना में 'सहायक' के रूप में काम करने वाले हैदराबाद के उस शख्स का शव शनिवार को हैदराबाद लाया गया, जिसकी रूस-यूक्रेन संघर्ष में मौत हो गई। बताया जा रहा है व्यक्ति को धोखे से सेना में शामिल किया गया था। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के सूत्रों ने शनिवार देर रात बताया कि मोहम्मद असफान का शव हैदराबाद के बाजारघाट स्थित उनके आवास पर लाया गया।
6 मार्च को हुई थी मौत की पुष्टि
मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने 6 मार्च को असफान की मौत की पुष्टि की थी और कहा था कि वह हैदराबाद में उनके परिवार के सदस्यों के संपर्क में है। मृतक के भाई इमरान ने पूर्व में कहा था कि असफान (30) उन भारतीयों में से एक है, जिन्हें एजेंट नौकरी का वादा कर रूस ले गए और वहां रूसी सेना में 'सहायक' के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया।
रूस-यूक्रेन में डेढ़ साल से जंग जारी
भारतीय दूतावास से बुधवार को जारी बयान में कहा गया कि विदेश मंत्रालय मृतक के परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में है। उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने का प्रयास किया जा रहा है। मोहम्मद असफान की मौत रूस और यूक्रेन के बीच डेढ़ लगभग दो साल से जारी हिंसक संघर्ष के बीच हुई। असफान के घर में उनकी पत्नी आसमा शिरीन और एक छोटा बच्चा है।
हैदराबाद के शोरूम में काम करता था शख्स
रिपोर्ट में कहा गया है कि असफान हैदराबाद में कपड़े के एक शोरूम में काम किया करता था। असफान यूट्यूब के वीडियो देखकर इस जाल मे फंसा। असफान के भाई इमरान ने मांग की है कि असफान को फंसाने में शामिल एजेंट को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
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