कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने तेलंगाना से राज्यसभा उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के रूप में सोमवार को नामांकन दाखिल किया। सिंघवी जब अपना नामांकन पत्र जमा करने के लिए राज्य विधानसभा पहुंचे, तब मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और उनकी मंत्रिमंडलीय सहयोगी एवं तेलंगाना में पार्टी मामलों के लिए एआईसीसी प्रभारी दीपा दास मुंशी उनके साथ थीं।
तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक दल (सीएलपी) ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए सिंघवी की उम्मीदवारी का रविवार रात समर्थन किया। हैदराबाद में सीएलपी की एक बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कहा कि बैठक में सिंघवी को कांग्रेस विधायकों, सांसदों और विधान परिषद सदस्यों से मिलवाया गया।
सिंघवी का बयान
वर्ष 2014 में विभाजन के बाद पड़ोसी आंध्र प्रदेश से विभिन्न मुद्दों पर जारी विवाद का जिक्र करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि सिंघवी के चुनाव से न केवल संसद में, बल्कि अदालतों में भी तेलंगाना की चिंताओं और समस्याओं को रेखांकित करने में मदद मिलेगी। सिंघवी ने कहा कि तेलंगाना में राज्यसभा उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के रूप में नामित होना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने हैदराबाद में कांग्रेस नेता के केशव राव से मुलाकात की।
कांग्रेस के 65 विधायक
राव के भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा देने के कारण यह उपचुनाव कराया जा रहा है। राव ने भरोसा जताया था कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बहुमत हासिल होने के मद्देनजर उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार की जीत निश्चित है। उन्होंने कहा था कि सिंघवी को पार्टी विधायकों से मिलवाया जाएगा। तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 65 विधायक हैं। पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद बीआरएस के लगभग 10 विधायक पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बीआरएस ने इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। (इनपुट- पीटीआई भाषा)