Sunday, December 22, 2024
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तेलंगाना जीतने के लिए कर्नाटक वाली रणनीति अपनाएगी कांग्रेस, 17 सितंबर को पार्टी करेगी ये ऐलान

कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा घोषित ‘पांच गारंटी’ को कांग्रेस की सफलता में अहम माना जाता है। अब पार्टी यहां भी यही रणनीति अपनाएगी।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Sep 10, 2023 20:31 IST, Updated : Sep 10, 2023 20:33 IST
Congress
Image Source : FILE कांग्रेस

Telangana: इस साल के अंत में देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। यह चुनाव लोकसभा चुनाव के लिहाज से बेहद ही अहम हैं। इनमें NDA और I.N.D.I.A  गठबंधन की परीक्षा होनी है। इन पांच राज्यों में एक राज्य तेलंगाना है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है। राज्य में केसीआर के नेतृत्व में भारत राष्ट्र समिति की सरकार है। यहां कांग्रेस, बीआरएस और बीजेपी सत्ता में आने का दावा कर रही है। इसी क्रम में कांग्रेस 17 सितंबर को एक जनसभा में राज्य के लोगों के लिए पांच ‘गारंटी’ की घोषणा करेगी। 

कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष और सांसद ए रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी 17 सितंबर को एक रैली में पांच चुनावी गारंटी की घोषणा करेंगी। कांग्रेस ने पहले ही घोषणा की है पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में नव गठित कांग्रेस कार्यकारी समिति की पहली बैठक 16 सितंबर को हैदराबाद में होगी। वहां, विस्तारित कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक 17 सितंबर को आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के प्रमुख हिस्सा लेंगे। कांग्रेस ने आगामी महीनों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए ‘किसान घोषणापत्र’, ‘एससी, एसटी घोषणापत्र’ और ‘युवा घोषणापत्र’ जारी किए थे, जिसमें तेलंगाना के मतदाताओं से किए वादे शामिल हैं। 

कर्नाटक में कांग्रेस के लिए लाभदायक रही थी ये योजना 

दरअसल, पड़ोसी कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा घोषित ‘पांच गारंटी’ को पार्टी की सफलता में अहम माना जाता है। तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएसी) ने कुल 119 विधानसभा सीटों में से 115 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राज्य में 17 सितंबर को कई कार्यक्रम देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि उसी दिन 1948 में निजाम शासन के तहत हैदराबाद की पूर्ववर्ती रियासत का भारत संघ में विलय किया गया था। केंद्र सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस दिन का जश्न मनाने के लिए हैदराबाद में कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। 

17 सितंबर को सभी पार्टियां कर रही हैं कार्यक्रमों का आयोजन 

आगामी चुनावों के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल हैदराबाद में केंद्र द्वारा आयोजित ‘मुक्ति दिवस’ के आधिकारिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और उनके इस साल भी तेलंगाना की राजधानी में कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने तेलंगाना किसान सशस्त्र संघर्ष (1946-51) की याद में 11 से 17 सितंबर तक कई कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। इस संघर्ष का नेतृत्व कम्युनिस्ट नेताओं ने किया था। भाकपा का कहना है कि इस संघर्ष ने निजाम को हैदराबाद राज्य का भारत संघ में विलय करने के लिए मजबूर किया था। 

असदुद्दीन ओवैसी नीत ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 17 सितंबर को एक मोटरसाइकिल रैली और जनसभा का आयेाजन करेगी तथा इस दिन को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाएगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने शनिवार को सत्तारूढ़ बीआरएस और विपक्षी दल कांग्रेस पर कथित तौर पर एआईएमआईएम के साथ किए गए गुप्त समझौते के कारण अपने कार्यकाल के दौरान 17 सितंबर का आधिकारिक जश्न न मनाने का आरोप लगाया था।

इनपुट - भाषा 

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