तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कामारेड्डी सीट पर सबसे बड़ा बड़ा उलटफेर हुआ है। यह तेलंगाना की सबसे हॉट सीट थी, क्योंकि राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री व भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) चीफ के चंद्रशेखर राव इस सीट से स्वयं चुनाव लड़ रहे थे। वहीं कांग्रेस ने यहां केसीआर को चुनौती देने के लिए अपने प्रदेश अध्यक्ष और भावी कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार रेवंत रेड्डी को मैदान में उतारा था। मगर तेलंगाना की राजनीति के ये दोनों ही बड़े चेहरे कामारेड्डी से चुनाव हार गए हैं। इससे बीआरएस और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को बड़ा झटका लगा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन दोनों बड़े चेहरों को तेलंगाना में सिर्फ 8 सीटें जीत पाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने मात दी है।
भाजपा ने बीआरएस के मुख्यमंत्री केसीआर और कांग्रेस के भावी सीएम रेवंत रेड्डी को कामारेड्डी सीट पर शिकस्त देकर पूरे राज्य को बड़ा संदेश दिया है। भाजपा ने इस सीट से कटिपल्ली वेंकट रमण रेड्डी को चुनाव मैदान में उतारा था। कामारेड्डी सीट पर हुए त्रिकोणीय संघर्ष में भाजपा ने बीआरएस और कांग्रेस के सीएम उम्मीदवारों को पवेलियन की राह दिखा दी है। इस सीट पर मुख्यमंत्री केसीआर दूसरे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व रेवंत रेड्डी तीसरे स्थान पर रहे।
दो-दो सीटों से चुनाव लड़ रहे थे केसीआर और रेवंत रेड्डी
बीआरएस चीफ और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी दो-दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे थे। मगर कामारेड्डी की सीट से ये दोनों ही बड़े चेहरे अपना चुनाव हार चुके हैं। हालांकि केसीआर को गजवेल से और रेवंत रेड्डी को कोडंगल विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई है। केसीआर गजवेल से ही मौजूदा विधायक भी थे। तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी को लंबे समय बाद बहुमत मिला है और रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे हैं।