तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी अवैध निर्माण के खिलाफ एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। बुधवार (28 अगस्त) के दिन उन्होंने कहा था कि अगर उनके और उनके परिवार के सदस्यों के घरों को अवैध निर्माण माना जाता है तो वे उन्हें गिराने के लिए तैयार हैं। इस बयान के 24 घंटे से भी कम समय में रेवंत के भाई को बड़ा झटका लगा है। ए तिरुपति रेड्डी को भेजे गए एक नोटिस में कहा गया है कि उनका घर अवैध है। यह बफर जोन में बना हुआ है और 30 दिन के अंदर इसे हटाया जाना चाहिए।
नोटिस से साफ है कि एक महीने के अंदर इस घर को गिरा दिया जाएगा। इससे पहले सीएम रेड्डी नागार्जुन का कन्वेंशन सेंटर टूटने के बाद चर्चा में आए थे। उन्होंने कहा था कि झीलों पर अतिक्रमण करने वाले किसी भी शख्स को सरकार नहीं बख्शेगी।
राजस्व विभाग ने भेजा नोटिस
तेलंगाना राजस्व विभाग ने माधापुर में अमर कोऑपरेटिव सोसाइटी के निवासियों को ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ये निर्माण दुर्गम चेरुवु बफर जोन के अंतर्गत आते हैं। पता चला है कि रेवंत रेड्डी के भाई ए तिरुपति रेड्डी को भी यह नोटिस मिला है। माधापुर अमर सहकारी सोसायटी की संपत्तियों पर नोटिस चिपकाए गए थे, जिसमें कहा गया था कि ये संरचनाएं दुर्गम चेरुवु झील के गैर-विकास क्षेत्र में आती हैं और इन्हें 30 दिनों के भीतर हटा दिया जाना चाहिए।
30 दिन के अंदर तोड़ना होगा घर
नोटिस प्राप्त अन्य संपत्तियों के साथ-साथ सीएम के भाई को भी 30 दिनों के भीतर संपत्ति खाली करनी होगी और निर्माणों को ध्वस्त करना होगा। ऐसा नहीं होने पर सरकार इन संरचनाओं को गिराने का काम करेगी। सैकड़ों घरों और व्यावसायिक परिसरों को ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किए गए हैं। इसका मतलब है कि माधापुर सहकारी समिति के आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है, जो दुर्गम चेरुवु झील के करीब है।
तिरुपति रेड्डी का बयान
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तिरुपति रेड्डी ने कहा कि उन्हें पहले नहीं पता था कि ये बफर जोन में आता है । अगर ऐसा है तो वो खुद ही एक्शन लेंगे और नियमों का पूरी तरह से पालन करेंगे। हाइड्रा की घटना के बाद यह बात तूल पकड़ रही थी कि क्या मुख्यमंत्री अपने खुद के परिवार वालों पर भी सख्ती बरतेंगे या नहीं। ये नोटिस भले ही हाइड्रा ने नहीं दिए मगर ये संकेत जरूर है कि किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा।
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