अगर आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो तरह तरह की ऐप्स का भी इस्तेमाल करते होंगे। जब भी हमें कोई नई ऐप्लिकेशन की जरूरत पड़ती है तो हम फटाफट गूगल प्ले स्टोर या फिर ऐप स्टोर में जाकर उसे डाउनलोड करने लगते हैं। हमारे स्मार्टफोन का पर्सनल डेटा सेफ रहे इसके लिए प्ले स्टोर में मौजूद सही यानी असली ऐप्स को सर्च करना बहुत जरूरी है। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने वाले हैं जिससे आप आसानी से असली और नकली या फिर फेक ऐप्स को पहचान पाएंगे।
दरअसल टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग ने डिजिटल दुनिया में फ्रॉड और स्कैम के मामलों को भी तेजी से बढ़ाया है। स्कैमर्स ठगी के नए नए तरीके इजाद कर रहे हैं इसलिए स्मार्टफोन में किसी भी ऐप्स को जगह देने से पहले बहुत सावधान रहने की जरूरत है। लोगों को ठगने के लिए यूजर्स अब फेक ऐप्स का सहारा ले रहे हैं। अगर आप गलती से भी इन ऐप्स को इंस्टाल करते हैं तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। आइए आपको बताते हैं इन्हें पहचानने का तरीका।
Fake Apps को ऐसे पहचानें
फेक ऐप को इंस्टाल करने से हमारी प्राइवेसी तो खतरे में पड़ती ही है साथ में हमारा डेटा भी चोरी हो सकता है। आप इन तरीकों से नकली ऐप्स को कुछ ही मिनट में पहचान सकते हैं।
रीव्यू चेक करें: किसी भी ऐप्लिकेशोन को डाउलोड करने से पहले उसके रिव्यू को पढ़ लें। देख लें कि लोगों ने उसको कितना रिव्यू किया है। चेक कर लें कि यूजर्स ने उसके खिलाफ कहीं कोई शिकायतें तो नहीं की हैं। अगर आपको कुछ भी सस्पीसियस नजर आता है तो उसे इग्नोर कर दें। बता दें कि लोगों का भरोसा जीतने के लिए डेवलपर्स फेक रिव्यू भी करते हैं।
डाउनलोडिंग की संख्या चेक करें: अक्सर देखा जाता है कि जो असली ऐप्स होती हैं उनकी डाउनलोडिंग संख्या काफी ज्यादा होती है। अगर आप कोई ऐप इंस्टाल करने जा रहे हैं तो यह देख लें कि उसे कितने लोगों ने डाउनलोड किया है। अगर यह संख्या मिलियन में है तो आप आसानी से इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
इंफॉर्मेशन में गलतियां: असली ऐप्स के डेवलपर्स ऐप्स के डिस्क्रिप्शन में किसी भी तरह की गलती नहीं करते। अगर आपको ऐप्स के डिस्क्रिप्शन में कई सारी गलतियां नजर आती हैं तो आप समझ सकते हैं की वह ऐप एक फेक ऐप हो सकता है। अगर आपको टाइपो और ग्रामर की मिस्टेक नजर आती है तो सावधान हो जाएं।
डेवलपर के बारे में जानें: गूगल पर मौजूद ऐप्स में अधिकांश ऐप्स के डेवलपर्स की जानकारी दी गई होती है। कई बार लोगों को ठगने के लिए स्कैमर्स नकली ऐप को भी लिस्ट कर देते हैं लेकिन अपनी जानकारी नहीं देते हैं। अगर किसी ऐप का डेवलपर डिटेल मिस है तो आप अलर्ट हो जाइए। वह एक फेक ऐप हो सकता है। किसी भी ऐप को इंस्टाल करने से पहले उसका डेवलपर डिटेल जरूर चेक करें।
रिलीज डेट: ऐप को डाउनलोड करने से पहले यह चेक कर लें कि उस ऐप को कब रिलीज किया गया है। आप रिलीज डेट की मदद से भी फेक या फिर नकली ऐप को पहचान सकते हैं। अगर कोई ऐप कुछ दिन पहले ही रिलीज किया गया है और इसकी डाउनलोडिंग संख्या बहुत ही ज्यादा तो यह एक फेक ऐप हो सकता है। बता दें कि ज्यादा अधिक डाउनलोड किए गए ऐप्स लंबे दिनों से प्ले स्टोर पर मौजूद रहते हैं।
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