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बिजली वाले टेस्टर से आखिर करंट क्यों नहीं लगाता, क्या आपने कभी इसके बारे में सोचा है?

आपने अक्सर देखा होगा कि बिजली कर्मचारी अक्सर एक स्क्रू ड्राइवर जैसे दिखने वाले टूल से प्लग के अंदर के लाइन को टेस्ट करते हैं। इसे टेस्टर कहा जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि जो बिजली हमें तेज करंट देती है उसे अगर टेस्टर के माध्यम से छुया जाए तो करंट क्यों नहीं लगता। आइए आपको इसका कारण बताते हैं।

Written By: Gaurav Tiwari
Published on: May 17, 2024 22:56 IST
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Image Source : फाइल फोटो किसी भी इलेक्ट्रिक लाइन में करंट चेक करने के लिए टेस्टर का इस्तेमाल किया जाता है।

हमारी जिंदगी को चलाए रखने के लिए बिजली काफी उपयोगी। डेली रूटीन के ज्यादातर काम बिजली से ही जुड़े होते हैं। अगर बिजली न हो तो कई बार हमारे जरूरी काम भी रुक जाते हैं। जो बिजली इतनी ज्यादा यूजफुल है उसके कई बड़े खतरे हैं। बिजली इतनी घातक होती है कि अगर इसका तेज झटका लग जाए तो जान भी जा सकती है। इसलिए इसलिए बिजली के तारों को बिना स्लीपर पहने या फिर बिना सुरक्षा इंतजाम के छूने से मना किया जाता है। 

कई बार बिजली के बोर्ड पर करंट आने की चेकिंग भी करनी पड़ती है। इसके लिए एक खास तरह के डिवाइस जिसका नाम टेस्टर है उसका उपयोग किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर टेस्टर को प्लग के अंदर डालने और उसे टच करने के बाद भी करंट क्यों नहीं लगता। अगर आप भी नहीं जानते तो आज हम आपको इसका बड़ा कारण बताने वाले हैं। 

कैसे काम करता है टेस्टर?

बिजली वाले टेस्टर से करंट क्यों नहीं लगता इसको समझने के लिए हमें सबसे पहले टेस्टर की बनावट को समझना होगा। टेस्टर में सबसे आगे एक मेटल की राड होती है। इसके पीछे एक प्रतिरोधक यानी रेसिस्टर(Resistor) लगा होता है। रेसिस्टर के पीछ एक नियॉन बल्ब होता है। इसके बाद इसमें इसके स्प्रिंग लगी होती है और सबसे पीछे लास्ट में एक मैटेलिक कैप लगाया जाता है। इसी मैटेलिक कैप को टच करने के बाद ही पता चलता है कि बिजली आ रही है या नहीं। 

इस वजह से नहीं लगता करंट

आपको बता दें कि किसी भी टेस्टर का सबसे जरूरी पार्ट उसके मेटल के पीछे लगा प्रतिरोधक होता है। प्रतिरोधक ही है जो हमें बिजली के घातक झटके से बचाता है। आइए बताते हैं आखिर ये कैसे होता है?

बता दें कि जब हम किसी टेस्टर को फेज में लगाते हैं तो हमारे हमारे हाथ तक करंट पहुंचने से पहले प्रतिरोध पर पहुंचता है। प्रतिरोध इतना अधिक होता है कि घरों में आने वाली बिजली 220 वोल्ट की पॉवर को 4-5 वोल्ट में कनवर्ट कर देती है। आपको बता दें कि मनुष्य का शरीर 9 मिली एंपियर तक के करंट को आसानी से सहन कर सकता है। टेस्टर से गुजर कर होने वाली करंट इससे काफी कम होती है। यही वजह है कि टेस्टर से करंट नहीं लगता। 

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