Why tatkal ticket are booked quickly at counter: भारत में यात्रा का सबसे सस्ता साधन ट्रेन है। भारतीय रेलवे (Indian railways) हर दिन करीब 13 हजार ट्रेनें चलाता है और हर दिन लाखों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं। तत्काल टिकट बुकिंग में आपने एक समस्या जरूर देखी होगी कि अगर आप अपने लैपटॉप या फिर मोबाइल से तत्काल टिकट बुक करते हैं तो आपको वेटिंग टिकट मिल जाता है लेकिन अगर वही तत्काल टिकट आप रेलवे काउंटर से बुक कराते हैं तो आपको कंफर्म टिकट मिल जाता है। हालांकि काउंटर से कंफर्म टिकट लेने के लिए एक सीमित समय के अंदर ही टिकट बुक कराना होगा। आइए आपको बताते हैं कि कैसे रेलवे काउंटर से कंफर्म टिकट (How to get confirmed ticket from counter) मिल जाता है लेकिन लैपटॉप और मोबाइल से वेटिंग टिकट मिलता है।
लैपटॉप या मोबाइल से वेटिंग टिकट मिलना और रेलवे काउंटर से तत्काल में कंफर्म टिकट मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारक नेट कनेक्टिविटी है। भारतीय रेलवे का रिजर्वेशन सिस्टम 4 शहरों में बंटा हुआ है जिसमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, और कोलकाता शामिल हैं। इन चारों ही शहर ऑप्टिकल फाइबर के जरिए जुड़े हैं। ठीक इसी तरह देश का हर एक रेलवे स्टेशन भी ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ा हुआ है।
सर्वर और कनेक्टिविटी का खेल
इन चारों ही जगहों पर रेलवे के सर्वर लगे हुए होते हैं और सभी सर्वर आपस में जुड़े हुए होते हैं। इसके साथ ही चारों शहरों के बीच आने वाले सभी स्टेशन भी रेलवे पैसेंजर रिजर्वेशन सेंटर के सर्वर से जुड़े हुए होते हैं। इन सर्वर में रेलवे काउंटर और टिकट वेंडिंग मशीन को भी ऐड किया जाता है। ऐसे में रिजर्वेशन और टिकट काउंटर के बीच बिना किसी इंट्रप्शन के डायरेक्ट लिंक होता है। सभी रेलवे काउंटर सर्वर की प्रॉयरिटी में होते हैं ऐसे में जब भी तत्काल टिकट की बुकिंग शुरू होती है तो काउंटर से तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी की वजह से तुरंत टिकट बुक हो जाती है।
लैपटॉप या मोबाइल से इसलिए नहीं होती कंफर्म टिकट
आपको बता दें कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट को भी इन सर्वर से जोड़ा गया है लेकिन यह वेबसाइट डायरेक्ट कनेक्ट नहीं है। सर्वर और वेबसाइट के बीच वेब सर्वर, इंटनेट क्लाइंट और फायरवाल होती है। इस फायरवाल से ही रेलवे की रिजर्वेशन वेबसाइट कनेक्ट होती है। इसलिए जब भी लैपटॉप या मोबाइल से तत्काल में टिकट बुक करते हैं तो बहुत ज्यादा समय लगता है और तब तक सभी सीट्स फुल हो जाती हैं।