Facts about Railway Track : भारत में यात्रा के लिए सबसे ज्यादा ट्रेन का इस्तेमाल किया जाता है। आपने भी ट्रेन में सफर किया होगा और ट्रेन की पटरियों को भी देखा होगा। क्या आप जानते हैं कि जिन पटरियों पर ट्रेन तेज रफ्तार से दौड़ती है उन्हें बिछाते समय उनके बीच में कुछ जगह छोड़ी जाती है। हो सकता है कि आपने पटरियों में इसे देखा भी हो। लेकिन बहुत कम लोग हैं जो इसका कारण जानते हैं। क्या आपको इसकी असली वजह पता है कि दो पटरियों के बीच में जगह क्यों छोड़ी जाती है। अगर नहीं मालूम तो आपको हम इसकी जानकारी दे देते हैं।
आपको बता दें कि रेलवे ट्रैक में बिछी पटरी एक सिंगल पटरी नहीं होती, बल्कि यह अलग-अलग पटरियां होती हैं जिसे आपस में नट-बोल्ट से ज्वाइंट किया जाता है। जब एक पटरी के बाद दूसरी पटरी ट्रैक पर लगाई जाती है तो उनके बीच में कुछ गैप छोड़ दिया जाता है। बहुस से लोग सोच सकते हैं पटरियों के बीच गैप होने से हादसा भी हो सकता है तो बता दें कि ऐसा नहीं है।
इस वजह से ट्रैक पर छोड़ा जाता है गैप
रेलवे ट्रैक में दो पटरियों के बीच में जगह छोड़ने की एक बड़ी वजह यात्रियों की सुरक्षा है। जी हां अगर पटरियों में यह गैप न छोड़ा जाए तो ट्रेन हादसे का शिकार भी हो सकती है। पटरियों के बीच में जगह छोड़ने के पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक कारण है। बता दें कि पटरियां लोहे की बनी होती हैं। लोहे की यह खासियत होती है कि वह सर्दियों के मौसम में सिकुड़ता है जबकि गर्मियों के मौसम में फैलता है। अगर पटरियों के बीच में यह गैप नहीं होगा तो गर्मी के दिनों में पटरियां फैलेंगी और जगह न होने की वजह से वह टेढ़ी हो जाएंगी।
इतना ही नहीं जगह न मिलने की वजह से पटरियों पर प्रेशर भी बढ़ सकता है और हैवी वेट पड़ने पर पटरियां टूट सकती हैं जिसकी वजह से बड़ा हादसा भी हो सकता है। ऐसे में ये हल्का और छोटा दिखने वाला गैप सुरक्षित यात्रा के लिहासे बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।