EVM को लेकर पिछले कुछ दिन से पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी का माहौल देखने को मिला है। Elon Musk के EVM को लेकर दिए बयान के बाद से विपक्षी नेताओं ने एक बार फिर से EVM की विश्वसनियता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। वहीं, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पहले ही साफ कर चुका है कि भारत में इस्तेमाल होने वाला EVM हैक नहीं किया जा सकता है। हालांकि, एलन मस्क के दावे के बाद से लोगों के मन में ईवीएम को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एलन मस्क के ट्वीट का जबाब देते हुए भारत में इस्तेमाल होने वाले EVM को लेकर समझाया है कि इसे क्यों हैक नहीं किया जा सकता है।
स्टैंडअलोन डिवाइस
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, जो कि एक चिप डिजाइनर भी हैं, उन्होंने बताया कि एलन मस्क ने जिस EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की बात कही है, वह अमेरिका में इस्तेमाल होता है। अमेरिका या अन्य देशों में यूज होने वाले EVM में इनबिल्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी होती है। वहीं, भारत में इस्तेमाल होने वाला EVM एक स्टैंड अलोन डिवाइस है, यानी इसमें किसी नेटवर्क या मीडिया की कनेक्टिविटी नहीं है। भारत में इस्तेमाल होने वाले EVM में न तो ब्लूटूथ, न ही Wi-Fi और न ही किसी भी वायर के जरिए इंटरनेट से कनेक्ट किया जा सकता है।
ऐसे में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले EVM को किसी भी एक्सटर्नल डिवाइस के कनेक्ट नहीं किया जा सकता है। वहीं, मस्क ने जो दावा किया था, वो अमेरिका में होने वाले चुनाव और उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले EVM को लेकर था। मस्क ने अपने दावे में कहा था कि अमेरिकी चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसे इंसान या AI के जरिए हैक किए जाने की संभावना काफी ज्यादा है। मस्क का स्टेटमेंट केवल अमेरिकी चुनाव के मद्देनजर था। हालांकि, भारत की कई विपक्षी पार्टियों ने एलन मस्क के दावों को लेकर चुनाव आयोग पर नए सिरे से आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं।
पूरी तरह सुरक्षित
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर EVM को लेकर कई FAQ दिए गए हैं, जिसके मुताबिक, ECI-EVM में सुरक्षित कंट्रोलर का इस्तेमाल किया जाता है। इस कंट्रोलर के बारे में पब्लिक डोमेन में जानकारियां मौजूद हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, भारत में यूज होने वाला EVM एक स्टैंडअलोन डिवाइस है, जिसमें कोई वायर्ड या वायरलेस कनेक्टिविटी नहीं मिलती है। इसमें लगने वाले BU, CU और VVPAT यूनिट्स के पास डिजिटल सर्टिफिकेट्स होते हैं।
आसान शब्दों में समझा जाए तो भारत में इस्तेमाल किया जाने वाला EVM एक बटन वाले पुराने फीचर फोन की तरह है, जिसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होती है। इस वजह से इन फीचर फोन को हैक करना भी नामुमकिन है। वहीं, अमेरिका में इस्तेमाल होने वाले EVM को आप स्मार्टफोन की तरह समझ सकते हैं, जिसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी मुमकिन है। इसलिए इसके हैक होने की संभावना हो सकती है।