TRAI ने लोगों को मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के नाम पर हो रहे फ्रॉड को लेकर आगाह किया है। टेलीकॉम कंपनियों Airtel, BSNL, Jio और Vi के नए मोबाइल टावर लगाने के नाम पर अपराधी लोगों के साथ फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें अपराधियों ने लोगों से मोबाइल टावर लगाने और रेगुलर इनकम के नाम पर फ्रॉड किया है। दूरसंचार नियामक ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है और वीडियो जारी करके लोगों को इससे बचने के लिए आगाह किया है।
मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फर्जीवाड़ा
TRAI के अलावा इंडस्ट्री बॉडी DIPA (डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स असोसिएशन) और COAI (सेलुलर ऑपरेटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया) ने भी लोगों के लिए चेतावनी जारी की है। अपराधी न्यूजपेपर्स या फिर अन्य माध्यम से मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के नाम का विज्ञापन दे रहे हैं, जिसमें मोबाइल टावर के लिए जमीन लीज पर देने वालों को लाखों रुपये का एडवांस, एक व्यक्ति की परमानेंट जॉब आदि देने का दावा किया जा रहा है।
यही नहीं, अपराधी लोगों को अपनी जाल में फंसाने के लिए TRAI और DoT यानी दूरसंचार विभाग के नाम का फर्जी NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) भी जारी करते हैं। इसके अलावा लोगों को टैक्स के नाम पर एक रकम जमा करने के लिए कहा जाता है, जिसके बाद मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन शुरू करने का दावा किया जाता है। कई लोग इस झांसे में फंसकर ये रकम जमा कर देते हैं। साथ ही, अपने निजी डॉक्यूमेंट्स भी अपराधियों के साथ शेयर कर देते हैं।
TRAI ने दी वॉर्निंग
दूरसंचार नियामक ने अपने वीडियो पोस्ट में बताया कि TRAI या DoT इस तरह का कोई भी नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी नहीं करते हैं। साथ ही, मोबाइल टावर लगाने के लिए दूरसंचार विभाग या नियामक लोगों को डायरेक्ट कॉन्टैक्ट नहीं करता है। भारत में मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के लिए इंडस टावर्स, अमेरिकन टावर कॉर्पोरेशन, समिट डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, एसेंड टेलीकॉम और टावर विजन को ही अधिकृत किया गया है।
टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर इंस्टॉल किए जाते हैं। ये मोबाइल टावर टेलीकॉम ऑपरेटर्स या फिर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाडर्स (IP) के जरिए ही इंस्टॉल किए जाते हैं। किसी भी मोबाइल टावर इंस्टॉल करने वाली कंपनी की डिटेल दूरसंचार विभाग की वेबसाइट पर अपडेट रहती है। अगर, आपके पास कोई भी मोबाइल टावर इंस्टॉल करने के लिए आता है, तो आप दूरसंचार विभाग की वेबसाइट (dot.gov.in) पर जाकर उस कंपनी (IP) की डिटेल वेरिफाई कर सकते हैं।
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