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अब नहीं आएंगे फर्जी कॉल, TRAI ने शुरू की नई सर्विस, डिस्प्ले पर दिखेगा Unknown कॉलर का सही नाम

TRAI ने नई कॉलर आईडी सर्विस CNAP की टेस्टिंग शुरू कर दी है। यह सर्विस यूजर्स को फर्जी कॉलर से बचाएगी। यूजर्स को अब अपने फोन पर आने वाले हर कॉलर का सही नाम दिखाई देगा। इसके लिए ट्राई ने पिछले साल सिफारिश जारी की थी।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published on: June 18, 2024 16:09 IST
CNAP Caller ID, TRAI- India TV Hindi
Image Source : FILE CNAP Caller ID

TRAI (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) ने फर्जी कॉल्स पर पूरी तरह से लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। नियामक ने देश के कुछ टेलीकॉम सर्किल में CNAP यानी कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन का ट्रायल शुरू कर दिया है। दूरसंचार विभाग और टेलीकॉम रेगुलेटर ने टेलीकॉम कंपनियों को इस फीचर को जोड़ने के लिए कहा है, ताकि फर्जी कॉल पर लगाम लगाया जा सके। देश भर में बढ़ रहे धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए दूरसंचार विभाग ने बिना किसी थर्ड पार्टी ऐप जैसे कि ट्रू-कॉलर के कॉलर का नाम डिस्प्ले पर दिखाए जाने की सिफारिश की थी। इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों समेत सभी स्टेक होल्डर्स को निर्देश जारी किया गया था। 

ET की रिपोर्ट की मानें तो टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने देश के दो रीजन में CNAP कॉलर आईडी सर्विस टेस्ट करना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों दूरसंचार नियामक ने कहा था कि पूरे देश के सभी मोबाइल फोन में CNAP को इंप्लीमेंट किया जाएगा। हालांकि, इस सर्विस को लेकर कुछ प्राइवेसी दिक्कतें भी रिपोर्ट की गई हैं। रिपोर्ट की मानें तो TRAI ने मुंबई और हरियाणा टेलीकॉम सर्किल में फिलहाल CNAP को टेस्ट कर रहा है। हालांकि, कौन से टेलीकॉम ऑपरेटर के साथ इसे टेस्ट किया जा रहा है, यह जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।

क्या है CNAP?

CNAP एक सप्लिमेंटरी सर्विस है, जो कॉलर के नाम को फोन की स्क्रीन पर प्रदर्शित करती है। इस समय थर्ड पार्टी ऐप्स जैसे कि Truecaller और Bharat Caller ID & Anti Spam भी कॉलिंग पार्टी नेम आइडेंटिफिकेशन (CPNI) सुविधा प्रदान करते हैं। थर्ड पार्टी ऐप्स की यह सर्विस क्राउड सोर्सड डेटा पर आधारित होता है, जो कि भरोसेमंद नहीं है। CNAP कॉलर आईडी सर्विस में यूजर द्वारा सिम कार्ड खरीदते समय दिए गए KYC रजिस्ट्रेशन डेटा के आधार पर कॉलर का नाम डिस्प्ले होगा। इस तरह से यूजर को कॉलर का नाम अपने फोन के डिस्प्ले में दिखाई देगा।

CNAP में यूजर द्वारा सिम कार्ड या टेलीकॉम सर्विस लेने के लिए जो KYC डॉक्यूमेंट दिया जाएगा, उसके आधार पर यूजर का नाम डिस्प्ले किया जाएगा। TRAI ने साफ किया है कि CNAP में केवल यूजर का नाम KYC डॉक्यूमेंट से लिया जाएगा। अन्य सभी जानकारियां गोपनीय ही रहेंगी। वहीं, बिजनेस या बल्क कनेक्शन लिए जाने पर KYC डॉक्यूमेंट में एक प्रेफर्ड नेम का सुझाव दिया गया है, जो यूजर को CNAP कॉलर आईडी में दिखाई देगा। इस तरह से यूजर को कॉल करने वाले सही यूजर का नाम पता चल जाएगा और वो स्कैम से बच सकेंगे।

 

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