अगर आप मोबाइल फोन या फिर घर में ब्रॉडबैंड इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए काम की खबर है। दरअसल स्मार्टफोन और इंटरनेट आज के समय में एक बड़ी जरूरत बन चुका है। हमारे कई सारे काम स्मार्टफोन से ही होते हैं। लेकिन, कई बार नेटवर्क न होने की वजह से हमें बड़ी परेशानी भी होती है। कई बार तो घंटो तक मोबाइल सर्विस ठप रहती है और इसका नुकसान यूजर्स को उठाना पड़ता है। लेकिन, अब इस परेशानी से बचने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) एक नया नियम लेकर आया है।
मोबाइल सर्विस बंद होने की वजह से होने वाले नुकसान से बचने के लिए TRAI ग्राहकों के हित में एक नया नियम लागू करने जा रही है। ट्राई के नए नियम ने मोबाइल यूजर्स की मौज करा दी है। दरअसल ट्राई के नए नियम के अनुसार मोबाइल सर्विस बंद होने पर टेलिकॉम कंपनियों को अब अपने ग्राहकों को मुआवजा देना पड़ेगा। आइए आपको TRAI के नए नियम के बारे में डिटेल से बताते हैं।
सर्विस बाधित होने पर पड़ेगा जुर्माना
TRAI की तरफ से शुक्रवार को सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड नियम जारी किए गए। नए नियमों के तहत अगर 24 घंटे से अधिक समय तक के लिए मोबाइल सर्विस बाधित रहती है या फिर ठप रहती है तो अब टेलिकॉम कंपनियों को अपने ग्राहकों को मुआवजा देना पड़ेगा। ट्राई का यह नियम नेटवर्क कनेक्टिविटी को बेहतर करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के नए नियम देश में छह महीने बाद लागू होंगे। अगर कोई कंपनी अपनी क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करती तो उसे भारी भरकम जुर्माना देना पड़ेगा। TRAI ने जुर्माने की राशि को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर अब 1 लाख रुपये कर दिया है।
TRAI ने शुरू की पेनाल्टी सिस्टम
TRAI ने रिवाइज्ड रेगुलेशन - " द स्टैंडर्ड्स ऑफ क्वालिटी ऑफ सर्विस ऑफ एक्सेस (वायरलाइन और वायरलेस) एंड ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सर्विस रेगुलेशन, 2024" के तहत नियम तोड़ने पर अलग-अलग पैमानों के लिए 1 लाख रुपये, 2 लाख रुपये, 5 लाख रुपये और 10 लाख रुपये तक का पेनाल्टी सिस्टम शुरू किया है।
ट्राई के नए नियम के मुताबिक अगर किसी जिले में नेटवर्क ठप हो जाता है तो अब टेलिकॉम ऑपरेटर्स को अपने पोस्टपेड ग्राहकों को किराए में छूट देना पड़ेगा और साथ ही प्रीपेड ग्राहकों के लिए कंपनी को एक्स्ट्रा वैलिडिटी देनी पड़ेगी। ट्राई ने कहा कि अगर कोई नेटवर्क आउटेड 24 घंटे से अधिक होता है तो कंपनी को अगले बिलिंग साइकिल में प्रभावित लोगों को उनके टैरिफ प्लान के अनुसार छूट देनी पड़ेगी।