Monday, December 23, 2024
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Airtel, BSNL, Jio और Voda के खिलाफ सख्त एक्शन, TRAI ने लगाया करोड़ों का जुर्माना

TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स- Airtel, BSNL, Jio और Vi पर करोड़ों रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। इन कंपनियों पर स्पैम कॉल पूरी तरह से रोकने में नाकाम होने की वजह से फाइन लगाया गया है।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Dec 23, 2024 13:02 IST, Updated : Dec 23, 2024 13:02 IST
TRAI, Spam calls, TRAI Fined Telecos
Image Source : FILE स्पैम कॉल्स रोकने में नाकामी की वजह से टेलीकॉम कंपनियों पर ट्राई ने लगाया भारी जुर्माना

TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों Airtel, Jio, BSNL और Vodafone Idea के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। दूरसंचार नियामक ने पिछले सप्ताह टेलीकॉम कंपनियों पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है। TRAI ने TCCCPR नियमों के उल्लंघन और Spam Calls रोकने में नाकाम रहने पर इन कंपनियों को आड़े हाथ लिया है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब दूरसंचार नियामक ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर फाइन लगाया है। इससे पहले भी कई बार टेलीकॉम कंपनियों पर फाइन लगाया जा चुका है।

141 करोड़ का जुर्माना

ET टेलीकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों पर 12 करोड़ रुपये का ताजा जुर्माना लगाया है। इस तरह से स्पैम कॉल नहीं रोक पाने की वजह से अब तक कुल 141 करोड़ रुपये का जुर्माना टेलीकॉम कंपनियों पर लगाया जा चुका है। टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से इस नए जुर्माने को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। दूरसंचार नियामक ने फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई बड़े बदलाव किए हैं। नियामक TCCCPR (टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रिफरेंस रेगुलेशन) को और मजबूत करने की तैयारी में है।

रिपोर्ट की मानें तो अगर टेलीकॉम कंपनियों ने जुर्माना नहीं भरा तो दूरसंचार विभाग (DoT) को इनकी बैंक गारंटी को इनकैश कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि जुर्माने की रकम को रिकवर किया जा सके। हालांकि, दूरसंचार विभाग की तरफ से इस मामले में फिलहाल कोई एक्शन नहीं लिया गया है। टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टम प्रिफरेंस रेगुलेशन के तहत टेलीकॉम कंपनियों पर यह जुर्माना लगाया गया है।

क्या है TCCCPR?

TCCCPR के मुताबिक, टेलीकॉम यूजर्स को अगर किसी भी तरह का फर्जी या स्पैम कॉल आता है तो इसकी जबाबदेही टेलीकॉम कंपनियों पर होगी। टेलीकॉम कंपनियों को इस तरह का मैकेनिज्म लाने का निर्देश दिया गया है, ताकि नेटवर्क लेवल पर ही स्पैम कॉल्स को रोका जा सके। हाल ही में दूरसंचार नियामक द्वारा नियमों को अपग्रेड किया गया है, ताकि यूजर्स को फर्जी कॉल्स न आ सके। TRAI ने अनसोलिसिटेड कम्युनिकेशन से लेकर मैसेट ट्रेसिबिलिटी तक के नियम हाल के दिनों में लागू किए हैं।

OTT पर भी तय हो जिम्मेदारी

DoT ने भी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो साइबर क्राइम से जुड़े कॉलर ट्यून अगले तीन महीने तक यूजर्स को सुनाए ताकि वो इस तरह के फ्रॉड को लेकर अवेयर हो सके। हाल में हुए स्टेक होल्डर्स के बीच हुए ओपन हाउस चर्चा में टेलीकॉम कंपनियों ने मांग की थी कि OTT (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म्स जैसे कि वाट्सऐप और अन्य एंटिटिज पर भी स्पैम कम्युनिकेशन को लेकर जिम्मेदारी तय की जाए।

बड़ी संख्यां में फर्जी कमर्शियल कम्युनिकेशन OTT प्लेटफॉर्म्स के जरिए किए जाते हैं। टेलीकॉम ऑपरेटर्स का कहना है कि इन प्लेटफॉर्म्स को भी रेगुलेट किया जाए। नए IT नियम में इन प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। टैरेस्टियम मोबाइल नेटवर्क के अलावा स्कैमर्स इंटरनेट कॉल्स के जरिए लोगों के साथ बड़े पैमाने पर फ्रॉड कर रहे हैं। टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने नियामक के OTT पर भी जिम्मेदारी तय करने की मांग रखी है।

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